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कभी थीं ममता की प्रिय पुलिस अफसर, अब मोस्ट वांटेड

कभी एक आइपीएस अफसर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विश्वासपात्र पुलिस अफसरों में से एक थी आज वह बंगाल की सीआइडी को लिए मोस्ट वांटेड बन चुकी है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 07 Mar 2018 12:21 PM (IST)Updated: Wed, 07 Mar 2018 03:17 PM (IST)
कभी थीं ममता की प्रिय पुलिस अफसर, अब मोस्ट वांटेड

कोलकाता, जागरण न्यूज नेटवक। इसे कहते हैं वक्त-वक्त की बात है। कभी एक आइपीएस अफसर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विश्वासपात्र पुलिस अफसरों में से एक थी आज वह बंगाल की सीआइडी को लिए मोस्ट वांटेड बन चुकी है।

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सीआइडी टीम इस समय पूर्व आइपीएस अफसर व पश्चिम मेदिनीपुर जिले की पूव एसपी भारती घोष को वांटेड घोषित कर देशभर में तलाश कर रही है। भारती घोष के लिए एक समय में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव आयोग तक से लोहा लेने से पीछे नहीं हटी थीं। असल में चुनाव आयोग ने भारती घोष को एसपी पद से हटाने का निर्देश जारी कर दिया था।

इसके बाद ममता ने आयोग पर निशाना साधी थीं। हटाने के बाद पुनः उन्हें पश्चिम मेदिनीपुर जिले की एसपी बना दिया था। सीआइडी का आरोप है कि महिला आइपीएस ने 300 करोड़ की जमीन खरीदी। सीआइडी को इस जमीन की खरीद फरोख्त से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। यही नहीं कई करोड़ रुपये व भारी मात्रा में सोने भी बरामद करने का सीआइडी का दावा है।

भारती पर कथित रूप से अपनी संपत्ति की सटीक घोषणा न करने का आरोप है। रिपोर्ट के मुताबिक भारती घोष को भगौड़ा घोषित करने की तैयारी हो रही है। भारती के पति राजू भी पुलिस के निशाने पर हैं। अवैध वसूली समेत अन्य मामलों में पश्चिम मेदिनीपुर की पूर्व एसपी भारती घोष के पति राजू की गिरफ्तारी पर कोलकाता हाई कोर्ट ने 15 मार्च तक रोक लगा दी है। इन सबके बीच घोष ने ऑडियो जारी कर सीआइडी की कार्रवाई की निंदा की थी।

पश्चिम बंगाल के अलग-अलग हिस्से में सीआइडी ने छापेमारी की। भारती घोष के आवास पर भी छापा मारा। उनके नजदीकी बताए जाने वाले पुलिस अधिकारी के आवास पर छापेमारी हुई। मामले में पश्चिम बंगाल में दोनों विपक्षी दलों भाजपा और कांग्रेस ने सीबीआइ जांच की मांग कर रही है। भाजपा और कांग्रेस का ममता सरकार पर आरोप है कि पूर्व एसपी को साल 2011 में मुठभेड़ में मारे गए सीनियर माओवादी नेता किशनजी उर्फ कोटेश्वर राव की मौत के बारे में कुछ अहम जानकारियां हासिल हुई थी। पूर्व पूलिस अधिकारी की पोस्टिंग माओ प्रभावित पश्चिम मेदिनीपुर थी।

सीआइडी के अधिकारियों का कहना है कि जांच एजेंसी कानून के हिसाब से ही कार्रवाई कर रही है। जहां घोष ने कहा कि उन्होंने अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा दिया था, वहीं सीआइडी ने कहा कि जांच एजेंसी ने करोड़ों रुपये बरामद किए, जिसके बारे में कहीं कोई जानकारी नहीं दी गई थी। दरअसल यह पूरा मामला एक फरवरी को सामने आया था, जब एक व्यवसायी ने अवैध वसूली और धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद अदालत ने सीआइडी को इस मामले की जांच करने के आदेश दिए।

2 फरवरी को सीआइडी ने राजू के घर पर छापेमारी भी की। इसके बाद पश्चिम मेदिनीपुर जिले के एसआइ देवाशीष दास, कांस्टेबल संजय महतो,सब इंस्पेक्टर प्रदीप रथ और एक सोना व्यापारी बिमल के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई। चंदन का आरोप है कि उसने 375 ग्राम सोने के आभूषण एक पुलिसकर्मी को बेची थी, जिसमें सोने की जगह पुराने नोट दिए जा रहे थे। शिकायत में कहा गया है कि अब तक वह राशि नहीं दी गई।

भारती घोष ने दिसंबर 2017 के अंतिम सप्ताह में इस्तीफा दे दिया था। घोष के इस्तीफे के बाद इस बात की चर्चा भी राजनीतिक हलकों में आम हो गई थीं कि वह भाजपा में शामिल हो सकती हैं। आइपीएस अफसर भारती घोष ने पश्चिम मेदिनीपुर के पुलिस अधीक्षक पद से तबादले के बाद पुलिस महानिदेशक को अपना इस्तीफा भेज दिया था।  


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