100 अंकों की परीक्षा में दिए गए 367, 196 और 151 अंक , एमएड एंट्रेंस की मेरिट लिस्ट में सामने आई गड़बड़ी
फिर विश्वभारती विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष अजब स्थिति पैदा हो गई। प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट विश्वभारती की वेबसाइट पर जारी किया था। ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा 14 सितंबर को हुई थी। छात्रों ने मेरिट लिस्ट में बदलाव की मांग की।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित विश्वभारती विश्वविद्यालय में विवाद समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रहा। छात्रों और प्रोफेसरों को निलंबित करने के बाद उत्पन्न हुए विवाद के बाद फिर विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष अजब स्थिति पैदा हो गई है। एम.एड में प्रवेश की मेरिट लिस्ट में देखा गया है कि 100 अंकों की परीक्षा में किसी को 367 तो किसी को 196 और 151 अंक मिले हैं। एम.एड में प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट सोमवार शाम को विश्वभारती की वेबसाइट पर जारी किया गया था।
परिणाम देखकर छात्र हैरान रह गए। किसी को 100 में से 100, किसी को 198, किसी को 151 मिले हैं। अधिकारियों की इस घोर लापरवाही को देखकर हर कोई हैरान है। छात्रों ने सवाल किया कि इस तरह आकलन कैसे किया गया? इस संबंध में अब तक अधिकारियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
एम.एड प्रवेश के लिए इस वर्ष की आनलाइन प्रवेश परीक्षा 14 सितंबर को बिनय भवन में आयोजित की गई थी। विश्वभारती के आंतरिक और अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों ने 50 सीटों के लिए परीक्षा दी थी। इनमें से 25 सीटें अंदरूनी और 25 बाहरी लोगों के लिए आरक्षित हैं। 100 अंकों में से 60 अंक लिखित और 40 अंक अकादमिक स्कोर के माध्यम से निर्धारित किए जाते हैं।
परीक्षा के बाद उम्मीदवारों को मेरिट लिस्ट के आधार पर भर्ती होने का अवसर मिलता है, लेकिन यह देखा गया कि भाषा समूह के 100 छात्रों में से किसी 100 में से 200 फीसद अधिक अंक मिले। किसी को 198 अंक किसी को 375 प्राप्त हुए। समाज शास्त्र विभाग में विद्यार्थियों को क्रमश: 196, 367, 151 और 275 अंक मिले हैं। सवाल यह है कि परीक्षार्थियों को 100 में से 200 या 150 कैसे मिले?
छात्रों ने मेरिट लिस्ट में बदलाव की मांग की
छात्रों ने शिकायत की कि आंतरिक सीटों के लिए कुछ बाहरी छात्रों के नाम भी मेरिट लिस्ट में शामिल हैं. नतीजतन, परीक्षार्थी असमंजस में हैं। विश्वभारती प्रशासन ने इतना गैर-जिम्मेदाराना काम कैसे किया? कई छात्र पहले से ही इस विवादित सूची को जल्द से जल्द बदलने की मांग कर रहे हैं।