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राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनने के लिए पटना से कोलकाता आए 'चुनाव के दीवाने' श्यामनंदन

पहले विधानसभा के गेट पर सुरक्षाकर्मियों ने रोका बाद में पदाधिकारियों से भी मिले चुनाव नियमों के अनुसार उम्मीदवार नहीं हो सकते जानकर अगले हफ्ते लौट रहे हैं बिहार इतनी सारी बातें सुनने के बाद सुरक्षा गार्डों ने विधानसभा सचिवालय को सूचना दी।

By Priti JhaEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 09:40 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 09:40 AM (IST)
राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनने के लिए पटना से कोलकाता आए 'चुनाव के दीवाने' श्यामनंदन

 राज्य ब्यूरो, कोलकाता। वह बंगाल में राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनने के लिए बड़ी उम्मीद के साथ पटना से आए थे। लेकिन श्यामनंदन घोषाल यह जानकर अपने गृह राज्य बिहार लौट रहे हैं कि वह चुनाव नियमों के अनुसार उम्मीदवार नहीं हो सकते। वे न तो किसी राजनीतिक दल के सदस्य हैं और ना ही कोई जानी-मानी हस्ती। उनका शौक चुनाव में खड़ा होना है।

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वह उम्मीदवार बनने की उम्मीद में शुक्रवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में आए थे। लेकिन उन्हें विधानसभा के द्वार पर रोक दिया गया। सुरक्षा गार्डों ने उन्हें रोका तो श्यामनंदन ने कहा कि वह राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनने आए हैं। नियम जानने के बाद वह अगले हफ्ते नामांकन दाखिल करेंगे। यह सुनकर सभा के गेट पर काम कर रहे सुरक्षाकर्मी दंग रह गए। उनकी बातें सुनकर सुरक्षाकर्मी उन्हें अपने लिविंग रूम में ले गए।

उन्होंने श्यामनंदन से कहा कि इस तरह राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनना संभव नहीं है। लेकिन लगातार श्यामनंदन ने उन्हें बताया कि वह बिहार में स्टेट बैंक में काम करते थे। सेवानिवृत्ति के बाद उनके दो मुख्य कार्य समाज की सेवा और चुनाव में खड़ा होना है।

श्यामनंदन 2014 के लोकसभा और 2015 के विधानसभा चुनाव दोनों में बिहार से उम्मीदवार थे। लेकिन वह दोनों चुनाव हार गए। वह व्यक्तिगत कारणों से 2019 के लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं बन सके। तो उस अफसोस को पूरा करने के लिए इस बार 67 वर्षीय श्यामनंदन बंगाल में राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनने के लिए कोलकाता आए।

विधानसभा के पदाधिकारियों से भी मिले श्यामनंदन

इतनी सारी बातें सुनने के बाद सुरक्षा गार्डों ने विधानसभा सचिवालय को सूचना दी। सचिवालय की विशेष अनुमति से श्यामनंदन विधानसभा के पदाधिकारियों से मिलने गए। विधानसभा सूत्रों के अनुसार श्यामनंदन को सूचित किया गया है कि 10 विधायकों के हस्ताक्षर मिलते ही वह प्रस्तावक के रूप में नामांकन कर सकेंगे। 12 फरवरी को दिनेश त्रिवेदी ने तृणमूल के राज्यसभा सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया है। उस सीट पर नौ अगस्त को मतदान होगा।

नामांकन प्रक्रिया 26 से 29 अगस्त तक चलेगी। शनिवार को तृणमूल ने इस सीट के लिए जवाहर सरकार को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी उम्मीदवार उतारने के संकेत दिए हैं। इसलिए श्यामनंदन को पहले से ही एहसास हो गया है कि वह 10 विधायकों के हस्ताक्षर नहीं ले पाएंगे। इसीलिए वे अगले हफ्ते पटना वापस जा रहे हैं। 


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