कोलकाता के बिल्डर व मणि ग्रुप के सीईओ की बढ़ी मुश्किलें, अवैध लेनदेन मामले में ईडी ने भेजा नोटिस
नोटिस विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 (फेमा) के तहत जारी हुआ विदेशों से मिली खुफिया जानकारी पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के बाद जारी हुई नोटिस
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोलकाता के जाने-माने बिल्डर और मणि ग्रुप के प्रमोटर संजय झुनझुनवाला की मुश्किलें बढ़ गई हैं। संजय को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने सिंगापुर में विदेशी मुद्राओं के अवैध लेनदेन, अवैध बाहरी उधार और अनधिकृत रूप से विदेशी बैंक खातों के संचालन के लिए कुल 206 करोड़ रुपए का एक कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के तहत जारी हुआ है। विदेशों से मिली खुफिया जानकारी पर ईडी की जांच के बाद यह नोटिस जारी हुई है।
फेमा के तहत जांच में खुलासा हुआ है कि संजय झुनझुनवाला, यूबीएस, सिंगापुर में टाइगर वुड्स इंटरनेशनल, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में शामिल कंपनी के नाम से बनाए गए खाते के मालिक हैं। जांच से पता चला कि संजय ने भारत में निवेश के लिए फॉरेन नेशनल के साथ संयुक्त रूप से एक समझौता किया था। हालांकि, इस तरह का कोई प्रोजेक्ट शुरू नहीं हुआ। इस बिजनेस समझौते की आड़ में, उन्होंने उस कंपनी के नाम से विदेश में बैंक खाता खोला, जिसके संजय झुनझुनवाला मालिक थे।
हालांकि, संजय झुनझुनवाला की ओर किसी भी तरह का निवेश नहीं किया गया और न ही उस समझौते के जरिए कोई बिजनेस किया गया। जांच में आगे खुलासा हुआ कि संजय झुनझुनवाला ने अनधिकृत रूप से एलजीटी बैंक (सिंगापुर) लिमिटेड के साथ अपना विदेशी बैंक खाता बनाए रखा और विदेशी मुद्रा में मोटा कर्ज लेकर लेनदेन किया। इतना ही नहीं उन्होंने लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (उदारीकृत प्रेषण योजना) के तहत भारत के बाहर भी कर्ज लिया। जिसका विदेशी मुद्राओं में अवैध सट्टा व्यापार के लिए गलत तरीके से इस्तेमाल किया। संजय के इस लेनदेन के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से कोई विशेष अनुमति नहीं दी गई थी। जबकि अनसिक्योर्ड लोन को दिखाकर पैसा वापस लाया गया।