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पश्चिम बंगाल को लेकर चुनाव आयोग के तेवर तल्ख हैं

पश्चिम बंगाल को लेकर चुनाव आयोग के तेवर तल्ख हैं।

By Edited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 09:18 AM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 09:19 AM (IST)
पश्चिम बंगाल को लेकर चुनाव आयोग के तेवर तल्ख हैं
पश्चिम बंगाल को लेकर चुनाव आयोग के तेवर तल्ख हैं

मिलन कुमार शुक्ला, कोलकाता : पश्चिम बंगाल को लेकर चुनाव आयोग के तेवर तल्ख हैं। प्रथम चरण चुनाव से पहले केंद्रीय पुलिस पर्यवेक्षक विवेक दुबे की नियुक्ति के बैद दूसरे चरण से दो दिन पहले आयोग ने अजय नायक को बतौर विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। इससे पहले कोलकाता व विधाननगर के पुलिस आयुक्त समेत कुल छह आइपीएस अधिकारियों के तबादले किए गए जिससे क्षुब्ध तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग को पत्र लिख इस पर पुनर्विचार करने को कहा।

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वहीं, जवाब में आयोग ने भी कह दिया कि चुनाव कानून के अनुसार आदर्श आचार संहिता के दौरान अधिकारियों को स्थानातरित करने और नियुक्त करने का अधिकार है। कहा गया कि दरअसल उक्त तबादले विवेक दुबे द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर ही किए गए। जबकि ममता के आरोप का खंडन करते हुए आयोग ने यह भी कहा कि तबादले का उसका फैसला अपने शीर्ष अधिकारियों में से एक के अलावा विशेष पुलिस पर्यवेक्षक की प्रतिक्रियाओं पर आधारित था। वैसे, आयोग की तल्खी का अंदाजा विवेक दुबे द्वारा दिए गए बयान से भी लगाया जा सकता है। बीते दिनों जब पत्रकारों ने बंगाल में इस बार सर्वाधिक सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराए जाने को लेकर सवाल पूछा तो जवाब में उन्होंने कहा, राज्य समस्याग्रस्त है इसलिए यहां सात चरणों में चुनाव कराए जा रहे हैं, उन्होंने तेलंगाना और आध्र प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां एक चुनाव में ही चुनाव कराए जा रहे हैं। उधर, जानकारों की माने तो आयोग के उक्त निर्णय राज्य में चुनावी हिंसा के इतिहास और विपक्ष की मांग के मद्देनजर हैं यद्यपि आचार संहिता लागू होने के बाद आयोग के पास अपने संवैधानिक अधिकार हैं। उल्लेखनीय है कि 1981 बैच के आइपीएस अधिकारी विवेक दुबे नियुक्ति के फौरन बाद मार्च के आखिर में प्रथम चरण के चुनाव से पहले कोलकाता पहुंचे और आला प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक के अलावा अलग-अलग राजनीतिक दलों के साथ बैठकें की। इतना ही नहीं दुबे सचिवालय नवान्न भी पहुंचे और मुख्य सचिव, गृह सचिव, आइजी कानून-व्यवस्था सरीखे अधिकारियों संग बैठकें की। इस दौरान विपक्षी दलों ने चुनावी हिंसा का हवाला देते हुए उनके समक्ष पश्चिम बंगाल में सभी बूथों को अतिसंवेदनशील घोषित करने की मांग की थी। गौरतलब है कि इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में बिहार के 1983 बैच के वरिष्ठ आइएएस अधिकारी सुधीर कुमार राकेश को विशेष पर्यवेक्षक की जिम्मेवारी दी गई थी। वहीं, अजय नायक 1984 बैच के सेवानिवृत आइएएस अधिकारी हैं। नायक 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान वहां के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीइओ) भी रह चुके हैं। गुरुवार को नायक कोलकाता पहुंचेंगे और बाकी चरण में बचे चुनाव इन्हीं की देखरेख में कराया जाएगा।


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