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West Bengal Coronavirus Lockdown effect:पूर्व रेलवे ने लॉकडाउन में अब तक 20,000 से ज्यादा लोगों को कराया भोजन

West Bengal Coronavirus Lockdown effectपूर्व रेलवे ने लॉकडाउन में अब तक 20000 से ज्यादा लोगों को कराया भोजन

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 09:57 AM (IST)Updated: Thu, 09 Apr 2020 09:57 AM (IST)
West Bengal Coronavirus Lockdown effect:पूर्व रेलवे ने लॉकडाउन में अब तक 20,000 से ज्यादा लोगों को कराया भोजन

 कोलकाता, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस (कोविड-19) के प्रसार को रोकने के लिए जारी लॉकडाउन अवधि के दौरान पूर्व रेलवे की ओर से हर दिन बड़ी संख्या में बेसहारा व जरूरतमंद लोगों को भोजन कराया जा रहा है। आइआरसीटीसी के सहयोग से पूर्व रेलवे अंतर्गत आरपीएफ / आरपीएसएफ, स्काउट्स एंड गाइड्स, सेंट जॉन एम्बुलेंस, सिविल डिफेंस और अन्य स्वयंसेवकों द्वारा उसके क्षेत्राधिकार के अंतर्गत विभिन्न स्टेशनों व संलग्न स्थानों पर जरूरतमंद लोगों के बीच वितरित किए जा रहे हैं।

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बुधवार को एक बयान में बताया गया कि लॉकडाउन पीरियड के दौरान जरूरतमंद लोगों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए 1 से 8 अप्रैल तक 8 दिनों की अवधि के दौरान पूर्व रेलवे के अधिकार क्षेत्र में कुल 20,000 से ज्यादा लोगों को भोजन कराया जा चुका है। इसके अलावा पूर्व रेलवे के आरपीएफ और स्वयंसेवकों स्काउट और गाइड आदि के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में जरूरतमंदों के बीच खाद्यान्न व आलू आदि भी वितरित किए जा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि भोजन बनाने व परोसने से लेकर खाद्यान्न वितरण में हर जगह स्वच्छता व सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूरा पालन किया जा रहा है। अधिकारियों ने कहा कि लॉकडाउन खत्म होने तक पूर्व रेलवे की ओर से जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करने का यह प्रयास जारी रहेगा।

जन-धन खाते में आई राहत राशि निकालने के लिए लग गई खतरनाक कतार

सिलीगुड़ी- कोरोना व लॉकडाउन के संकट की इस घड़ी में सरकार ने निम्न मध्यम वर्ग के जन-धन खाता धारकों को राहत दी है। उनके जन-धन खाता में सरकार राहत राशि डाल रही है। यही राहत आफत बन गई है। जगह-जगह जन-धन खाते में आई राहत राशि निकालने को लोगों की भीड़ उमड़ने लगी है। बैंकों के आगे घटों लोगों की कतार लगी रहती है। इस दौरान, कोरोना वायरस के जानलेवा संक्त्रमण से बचाव के लिए नियमानुसार अनिवार्य सामाजिक दूरी की खूब धज्जिया उड़ रही हैं। इसे लेकर बैंक वालों पर भी नई मुसीबत आन पड़ी है। एक दूसरे के बीच कम से कम एक मीटर की दूरी बना कर रखने के नियम के अनुपालन पर लोग गंभीर ही नहीं हो रहे हैं। ऐसा नजारा शहर व आसपास में जगह-जगह आम है।

सब्जी बाजारों व खाद्यान्न दुकानों पर भी खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है। क्रता-विक्रेता किसी को सुरक्षा मानकों की कोई परवाह ही नहीं रहती। हेड कवर व बॉडी कवर तो दूर की बात ज्यादातर लोग बिना मास्क व हैंड ग्लोव्स के ही रहते हैं। वहीं, बेवजह बिना किसी काम के ही सड़कों, गलियों, मुहल्लों में मटरगश्ती करने वालों की संख्या भी कम नहीं है। इन सबसे निपटने में शासन-प्रशासन विशेष कर पुलिस का हाल बेहाल है। मगर, लोग हैं कि गैंडे की खाल बने बैठे हैं जिस पर कुछ असर ही नहीं हो रहा है।

अभी शहर के कई इलाकों में लॉकडाउन की खुलेआम धज्जियां उड़ रही है। खासकर चंपासारी इलाके में तो कोई भी इसको लेकर गंभीर नहीं दिख रहा। हर दिन बाजारों में भारी भीड़ उमड़ रही है। शहर के और भी कई इलाकों में बाजारों में भीड़ उमड़ रही है। इसके अलावा कई रूटों पर टोटो की आवाजाही भी शुरू हो गई है। प्रशासन व पुलिस ने जगह-जगह माइकिंग कर जागरूकता संदेश दिए, लोगों से सुरक्षा मानकों व नियमों के अनुपालन की अपील की, कोरोना वायरस के जानलेवा संक्रमण को फैलने से रोकने व लोगों की जीवन-सुरक्षा हेतु दुकानों व बाजारों में खरीदारों के सुरक्षित रहने हेतु एक-एक मीटर की दूरी पर गोल-गोल व चौकोर घेरे चिन्हित किए गए।

कई जगह सड़क किनारे लगने वाले संकरे सब्जी बाजारों को निकटवर्ती मैदान में स्थानातरित कर दिया गया। मगर, सारे के सारे उपाय फेल हैं। यहा तक कि उल्लंघनकारियों से कान पकड़ कर उठक-बैठक करवाने व लाठी-डंडों से उनकी खबर लिए जाने का भी खासा प्रभाव नहीं पड़ रहा है। कई लोगों की गिरफ्तारी तक हो चुकी है। इन तमाम कोशिशों के बावजूद लोग आवश्यक खरीद-बिक्री के लिए भीड़ लगाने यहा तक कि बेवजह सड़कों, गलियों व मुहल्लों में मटरगश्ती से बाज नहीं आ रहे हैं। इसे लेकर पुलिस को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 


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