West Bengal: आइटी पोर्टल की खामियां दूर करने को डीटीपीए की याचिका, केंद्रीय वित्त मंत्री को भेजा पत्र
डायरेक्ट टैक्स प्रोफेशनल्स एसोसिएशन ने पोर्टल में 40 समस्याओं की ओर इशारा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक आवेदन भेजा है। डीटीपीए प्रतिनिधित्व समिति के अध्यक्ष नारायण जैन ने कहा कि इनमें विवाद से विश्वास योजना (वीएसवी) के लिए कोई टैब शामिल नहीं है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। नए आयकर पोर्टल में पेशेवरों को कई गड़बड़ियां मिल रही हैं। डायरेक्ट टैक्स प्रोफेशनल्स एसोसिएशन ने पोर्टल में 40 समस्याओं की ओर इशारा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक आवेदन भेजा है। डीटीपीए प्रतिनिधित्व समिति के अध्यक्ष नारायण जैन ने कहा कि इनमें विवाद से विश्वास योजना (वीएसवी) के लिए कोई टैब शामिल नहीं है। और भी कई मामले लंबित हैं। धारा 12एबी और 80जी के तहत सोसायटी और ट्रस्ट आदि के नये पंजीकरण के लिए फॉर्म 10ए दाखिल करने में असमर्थता दिख रही है। टीडीएस-टीसीएस विवरण दाखिल नहीं हो पा रहा है।
धारा 143(1) के तहत आइटी पावती और सूचना (इंटिमेशन) डाउनलोड नहीं हो पा रहा है। डीआईएन नंबर भी ऑटो पॉप्युलेट नहीं हो रहा है और चालान नंबर भी मान्य नहीं हो रहा है। श्री जैन के मुताबिक, डीएससी पंजीकृत या अपडेट नहीं हो रहा है और नयी निगमित कंपनियां या फर्म पंजीकरण में सक्षम नहीं हैं तथा ई-कार्यवाही टैब भी काम नहीं कर रहा है।
डीटीपीए के अध्यक्ष एनके गोयल ने बताया कि कई करदाताओं को राष्ट्रीय फेसलेस मूल्यांकन अधिकारियों और फेसलेस सीआईटी (अपील) से नोटिस मिले हैंं। लेकिन करदाता ई कार्यवाही टैब के अभाव में अनुपालन करने में असमर्थ हैं। श्री जैन ने कहा कि कर निर्धारण वर्ष (असेसमेंट ईयर) 2020-21और पहले के वर्षों के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने में भी लोग खुद को असमर्थ पा रहे हैं, क्योंकि नये आयकर पोर्टल में पहले के वर्षों के लिए धारा 148 के तहत नोटिस जारी करने के लिए आवेदन करने और आईटीआर प्रस्तुत करने के लिए भी कोई सुविधा या टैब नहीं है। इन मुद्दों को तुरंत हल करने की आवश्यकता है, क्योंकि अनुपालन की तारीख नजदीक आती जा रही है।
दो महीने का और समय दिया जाए
डीटीपीए ने वित्त मंत्री से ‘विवाद से विश्वास’ योजना के तहत कर के भुगतान के लिए दो महीने का समय बढ़ाने के साथ-साथ टीडीएस-टीसीएस विवरण प्रस्तुत करने की तारीख और अन्य प्रकार के अनुपालन, जिसके लिए नियत तिथि 30 जून से पहले है, उन्हें 31 अगस्त, 2021 तक बढ़ाने का आग्रह किया है। इसकी प्रमुख वजह कोरोना के कारण देश के अधिकतर राज्यों में कार्यालयों की कामकाज की असामान्य स्थिति है, जिसे नजरअंदाज करना ठीक नहीं होगा।