Move to Jagran APP

केंद्र को नहीं लेने देंगे फसल बीमा का श्रेय: ममता

- जरूरत पड़ने पर बीमा की संपूर्ण राशि चुकाएगी सरकार - फरवरी तक संपन्न होगा गहरा ट्यूबवेल लगा

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Jan 2019 11:36 PM (IST)Updated: Wed, 02 Jan 2019 11:36 PM (IST)
केंद्र को नहीं लेने देंगे फसल बीमा का श्रेय: ममता
केंद्र को नहीं लेने देंगे फसल बीमा का श्रेय: ममता

- जरूरत पड़ने पर बीमा की संपूर्ण राशि चुकाएगी सरकार

loksabha election banner

- फरवरी तक संपन्न होगा गहरा ट्यूबवेल लगाने का काम

राज्य ब्यूरो, कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वह केंद्र सरकार को फसल बीमा का श्रेय लेने नहीं देगी। केंद्र किसानों की फसल बीमा में मात्र 20 रुपये का योगदान कर इसका पूरा श्रेय लेने के लिए प्रचार कर रहा है। फिसल बीमा की अधिकांश 80 रुपये की राशि राज्य सरकार वहन करती है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को वीरभूम में प्रशासनिक बैठक करने के बाद यह बातें कही। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ेगी तो राज्य सरकार फसल बीमा का पूरा खर्च वहन करेगी। लेकिन केंद्र को इसका श्रेय लेने नहीं देगी। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि अब तक राज्य में 49 फीसदी किसानों को फसल बीमा के दायरे में लाया गया है। अधिक से अधिक किसानों को फसल बीमा के दायरे में लाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। उम्मीद है कि जल्द ही राज्य के सभी किसान फसल बीमा के दायरे में आएंगे। लेकिन केंद्र को फसल बीमा के नाम पर राजनीतिक उद्देश्य की पूर्ति नहीं करने दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार किसानों के हित में और कई कल्याणकारी योजनाएं लागू कर रही है। इस साल की शुरूआत में ही कृषक बंधु नाम से दो परियोजनाएं किसानों के लिए शुरू की गई। कृषक बंधु परियोजना के तहत 18-60 वर्ष की आयु के किसान की मौत होने पर उसके परिजनों को सरकार दो लाख रुपये की आर्थिक मदद देगी। इस उम्र के बीच किसान परिवार के सदस्यों की स्वाभाविक या अस्वाभाविक मौत होने के 15 दिनों के अंदर सरकार उसको परिवार को दो लाख रुपये देगी। दूसरी योजना के तहत प्रति एकड़ किसानों को साल में दो किस्त में पांच हजार रुपये दिए जाएंगे। ढाई हजार करके दो बार यह राशि किसानों को मिलेगी। इस परियोजना से राज्य के 72 लाख किसान लाभान्वित होंगे।

मुख्यमंत्री ने फिर दोहराया कि उनकी सरकार ने कृषि पर लगान माफ कर दिया है। म्यूटेशन प्रणाली अनालाइन कर दी गई है। उन्होंने कहा कि वीरभूम एक सूखाग्रस्त जिला है। फरवरी में यहां गहरा ट्यूबवेल लगाने का काम संपन्न हो जाएगा। राज्य सरकार की वर्षा जल संरक्षण योजना जल धरो जल भरो पर भी यहां विशेष जोर दिया जाना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.