बीमारियां भी फैलाता है दूषित पानी का रिसाव
जल की बर्बादी के मुख्य कारणों में जलापूर्ति पाइप का क्षतिग्रस्त होना भी शामिल है। इससे पानी की बर्बादी तो होती ही है, डायरिया जैसी बीमारियां भी फैलती हैं।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। जल की बर्बादी के मुख्य कारणों में जलापूर्ति पाइप का क्षतिग्रस्त होना भी शामिल है। इससे पानी की बर्बादी तो होती ही है, डायरिया जैसी बीमारियां भी फैलती हैं।
इस तरह जहां-तहां पाइप खराब होने की वजह से लोगों को पेयजल का संकट झेलने के साथ ही स्वास्थ्य समस्या भी झेलनी पड़ती है। क्योंकि जलापूर्ति पाइप नालों से भी गुजरते हैं। ऐसे में उनमें कहीं छिद्र हो जाने से उसमें गंदा पानी प्रवेश कर जाता है। इस समस्या से निगम प्रशासन को भी इन्कार नहीं है।
रास्तों की मरम्मत दौरान भी पाइप क्षतिग्रस्त होते हैं। तीन माह पहले ही कोलकाता नगर निगम टीम ने शहर के दक्षिणी सीमाओं और ईएम बाईपास के साथ 16 जगहों पर पेयजल पाइपलाइन में रिसाव का पता लगाया था। निगम के जल आपूर्ति विभाग के इंजीनियरों ने कसबा, गरफा, मुकुंदपुर, संतोषपुर, जादवपुर, बाघा जातिन और पटुली में लीकेज का पता लगाया था। संबंधित रिपोर्ट मेयर कार्यालय को दी गई थी।
सड़क पर खोदाई के कारण यह समस्या उत्पन्न होने की आशंका जताई गई थी। हालांकि निगम की टीम लीकेज पर सतर्कता बरती है। इसके लिए समय-समय पर इलाकों में सर्वेक्षण किया जाता है। इन सबके बावजूद इस समस्या पर रोक नहीं लगाई जा सकी है।
जलापूर्ति विभाग के अधिकारियों के अनुसार पीने योग्य पानी की गुणवत्ता की निगरानी हर दिन की जाती है। पानी की गुणवत्ता की जांच एक नियमित कार्य है। हम इसे साल में 365 दिनों के लिए करते हैं। एक विभाग के अधिकारी ने कहा, पानी की गुणवत्ता के अनुसार, हम अपने कर्मचारियों को चेतावनी संकेत भेजते हैं।