दिलीप घोष ने जेएनयू हमले को बताया व्यवस्थित नाटक
- आइशी की पंट्टी पर लगे खून पर जताया संदेह - कहा बहा खून या इस्तेमाल किए गए रंग होनी चाहिए जां
- आइशी की पंट्टी पर लगे खून पर जताया संदेह
- कहा, बहा खून या इस्तेमाल किए गए रंग, होनी चाहिए जांच
जागरण संवाददाता, कोलकाता : प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व सांसद दिलीप घोष ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा की घटना को व्यवस्थित नाटक करार देते हुए हमले में जख्मी हुई जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष की सिर पर लगे चोट व बंधी पंट्टी की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि पंट्टी खोल यह देखने की जरूरत है कि असल में उन्हें चोटें आई हैं या फिर जख्म दिखाने को रंग का इस्तेमाल किया गया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने दावा किया कि जेएनयू में हमले की घटना को व्यवस्थित तरीके से सजाया गया है। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अप्रभावित होते उनके विरोध को देखते हुए व्यवस्थित रूप से हमले का ड्रामा किया गया। खैर, मामले की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस सही दिशा में कार्रवाई करते हुए जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष समेत 19 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। आगे और भी चीजें सामने आएंगी। उन्होंने कहा कि पहले से बाहरी लोगों को कैंपस में बुला कर रखा गया था और निश्चित समय पर सभा के दौरान ड्रामें को हमले के रूप में पेश किया गया। इधर, हिंदू रक्षा पार्टी नामक एक संगठन के हमले की जिम्मेदारी लिए जाने संबंधी सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर कोई ऐसा किया होगा तो पुलिस उन्हें पकड़ लेगी। जेएनयू हमले की तुलना केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो संग गत वर्ष जादवपुर विश्वविद्यालय की घटना और राज्यपाल के काफिला रोकने से करते हुए उन्होंने कहा कि जादवपुर घटना के विरोध में कोई प्राथमिकी तक दर्ज नहीं हुई थी। वहीं राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी उक्त सदमे को याद करते हुए मंगलवार को ट्वीट किया है। बुलबुल पर ममता के बयान को बताया संदिग्ध
दक्षिण 24 परगना जिले के पाथर प्रतिमा में एक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बुलबुल के बाद उन्हें केंद्र से कोई मदद नहीं मिली। उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि बुलबुल के बाद मुख्यमंत्री की मांग दिन-ब-दिन बढ़ रही है। उनकी जानकारी संदिग्ध है। साथ ही मुझे उम्मीद है कि केंद्रीय सहायता जल्द आएगी। वहीं केरल की तरह राज्य विधानसभा में वाम-काग्रेस द्वारा नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बनाए जा रहे प्रस्ताव पर भाजपा सांसद ने कहा कि इससे पहले जीएसटी, नोटबंदी और एनआरसी पर भी प्रस्ताव पारित हो चुके हैं। ऐसे इनडोर गेम से कुछ आना जाना नहीं है।