Bengal Politics: दिलीप घोष ने कहा- प्रवासी पक्षियों जैसे तृणमूल के लिए भाजपा छोड़ रहे विधायक
दिलीप घोष ने कहा की तृणमूल में शामिल होने वाले विधायक प्रवासी पक्षियों की तरह हैं जो चुनावी मौसम खत्म होने के बाद घर लौट रहे हैं। विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद अब तक भाजपा के चार विधायक सत्ताधारी दल में शामिल हो गए हैं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा के कुछ विधायकों के हाल में पार्टी छोड़कर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल होने पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि जो लोग पार्टी छोड़ रहे हैं वे 'प्रवासी पक्षियों' की तरह हैं। घोष ने बताया कि केवल वही विधायक तृणमूल में लौट रहे हैं, जो बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले भगवा खेमे में शामिल हुए थे।
उन्होंने कहा, हमें छोड़कर तृणमूल में शामिल होने वाले विधायक प्रवासी पक्षियों की तरह हैं, जो अब चुनावी मौसम खत्म होने के बाद घर लौट रहे हैं। इस साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की प्रचंड जीत के बाद अब तक भाजपा के चार विधायक फिर से सत्ताधारी दल में शामिल हो गए हैं।
जून में, भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और कृष्णानगर उत्तर से विधायक मुकुल राय ने भाजपा छोड़ दी और तृणमूल में शामिल हो गए। हाल ही में, तीन भाजपा विधायक - बिष्णुपुर से तन्मय घोष, बगदा से विश्वजीत दास और कालियागंज से सौमेन राय भी तृणमूल के पाले में लौट आए।
बंगाल विधानसभा में भाजपा की ताकत अब 77 से घटकर 71 हो गई है। दो विधायकों ने अपनी लोकसभा सीटों को बरकरार रखने के लिए इस्तीफा दे दिया और चार अन्य तृणमूल खेमे में लौट आए।
घोष ने कहा, चुनाव से पहले, कई अन्य विधायकों की तरह, ये विधायक (मुकुल राय को छोड़कर जो 2017 में भाजपा में शामिल हुए थे) तृणमूल से भाजपा में शामिल हो गए थे। अब भाजपा की संस्कृति और कार्यशैली के साथ फिट होने में असमर्थ, वे अपनी पुरानी पार्टी में वापस लौट रहे हैं। वे यहां समायोजित करने में असमर्थ हैं।
यह पूछे जाने पर कि एक दर्जन से अधिक भाजपा विधायक बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल होने के लिए तैयार हैं, घोष ने कहा, यह सच नहीं है। केवल कुछ विधायक, जो तृणमूल से आकर शामिल हुए थे, लौटने की कोशिश कर रहे हैं, राज्य प्रशासन की विभिन्न एजेंसियों के दबाव आदि जैसे कई कारणों से। भाजपा का कोई भी कार्यकर्ता पार्टी नहीं छोड़ रहा है, केवल वे जो विधानसभा चुनाव से पहले हमारे साथ शामिल हुए थे, वे चले गए हैं।
इससे पहले, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पार्टी विधायकों को झूठे मामलों में धमकाने के लिए राज्य प्रशासन और पुलिस का दुरुपयोग कर रही हैं और दबाव में आकर वे जीत के बावजूद तृणमूल में शामिल हो रहे हैं। विजयवर्गीय ने कहा था कि भाजपा विधायकों के तृणमूल में शामिल होने के पीछे डराना, झूठे मामले, दबाव और राज्य मशीनरी का दुरुपयोग मुख्य कारण हैं।