Kolkata Durga Puja 2020: अभिनव पहल- प्रवासी महिला श्रमिक के रूप में दिखेंगी देवी दुर्गा
कोलकाता में देवी दुर्गा की गोद में कार्तिकेय रूपी बच्चे को दिखाया गया है। लॉकडाउन के समय प्रवासी महिला श्रमिकों को तपती धूप में गोद में अपने बच्चे को लिए पैदल सैकड़ों किलोमीटर का फासला तय करके घर लौटने की तस्वीरें सबने देखी थी।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। लॉकडाउन के समय प्रवासी महिला श्रमिकों को तपती धूप में गोद में अपने बच्चे को लिए पैदल सैकड़ों किलोमीटर का फासला तय करके घर लौटने की तस्वीरें सबने देखी थी। वह भी नारी शक्ति का एक रूप था, जो बयां कर रहा था कि एक मां अपने बच्चे के लिए सबकुछ कर सकती है। देवी दुर्गा को अब उसी रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है।
कोलकाता के बेहला इलाके में स्थित बड़िशा क्लब ने इसे थीम प्रतिमा के रूप में प्रस्तुत किया है। देवी दुर्गा की गोद में कार्तिकेय रूपी बच्चे को दिखाया गया है। गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान 1.5 करोड़ प्रवासी श्रमिक अपने घर लौटे थे। इनमें बड़ी तादाद में महिलाएं भी शामिल थीं।
केंद्र सरकार की ओर से पिछले महीने जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा प्रवासी श्रमिक (32.7 लाख) उत्तर प्रदेश लौटे थे। बिहार इस मामले में 15 लाख के साथ दूसरे स्थान पर रहा। लॉकडाउन के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से लाखों की तादाद में प्रवासी श्रमिक अपने गृह राज्य बंगाल भी लौटे थे।
बड़िशा क्लब के एक अधिकारी ने बताया कि दुर्गा शक्ति की देवी है। हम अपनी प्रतिमा के माध्यम से शक्ति के एक और स्वरूप को दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं, जो हमें लॉकडाउन के दौरान देखने को मिला था। एक मां अपने बच्चे के लिए क्या-क्या कर सकती है, इसका यह सशक्त उदाहरण है। इस अनूठी प्रतिमा को रिंटू पाल ने तैयार किया है।