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पुरानी स्कूल बसों पर नकेल कसने की तैयारी में परिवहन विभाग

नियमों के अनुसार राज्यभर में जो स्कूल बसें चलती हैं वह व्यवसायिक वाहनों के दायरे में आती हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 07:00 AM (IST)
पुरानी स्कूल बसों पर नकेल कसने की तैयारी में परिवहन विभाग
पुरानी स्कूल बसों पर नकेल कसने की तैयारी में परिवहन विभाग

जागरण संवाददाता, कोलकाता : नियमों के अनुसार राज्यभर में जो स्कूल बसें चलती हैं, वह व्यवसायिक वाहनों के दायरे में आती हैं। सड़कों पर वाहनों के व्यवसायिक उपयोग के लिए फिटनेस व अन्य प्रमाणपत्र की आवश्यकता होती है लेकिन ऐसे स्कूल बसों की संख्या काफी अधिक है, जो व्यवसायिक पैमाने पर खरा नहीं उतरती। ऐसे में राज्य परिवहन विभाग काफी गंभीरता बरतने की तैयारी में है।

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राज्य परिवहन विभाग के पास जो सूची है, उसके अनुसार प्राथमिक तौर पर कोलकाता में कई नामी स्कूलों द्वारा संचालित बसों के पास फिटनेस व अन्य प्रमाणपत्र नहीं है। इनका टैक्स व अनय कर भी बाकी है। इसे लेकर अब परिवहन विभाग नकेल कसने की तैयारी में है। परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि हमारी ओर से बीते तीन महीने के दौरान इस बाबत स्कूलों को बार-बार आगाह किया गया है,।अब यह पूछा गया है कि बावजूद इसके बसें क्यों संचालित की जा रही है, ऐसे स्कूलों के प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि केवल कोलकाता ही नहीं, प्रदूषण के पैमाने पर खरा नहीं उतरनी वाली 16 साल से अधिक आयु वाली बसें सोनारपुर, बैरकपुर, श्रीरामपुर, हावड़ा व अन्य जगहों पर चल रही है।

उल्लेखनीय है कि राज्य परिवहन विभाग राजस्व प्राप्ति को फिटनेस समाप्त व्यवसायिक वाहनों पर भारी छूट दे रहा है। महज 1500 रुपये देने पर बाकी की छूट मिल रही है। ऐसे में विभाग की कोशिश स्कूल बसों से भी राजस्व प्राप्ति की है। वैसे भी अभिभावकों की पुरानी बसों को लेकर कई बार शिकायत रहती है। बताया गया है कि इस संबंध में परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी को भी जानकारी दी गई है।


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