आइसीसी की सरकार से एमएसएमई के लिए अधिक ब्याज सहायता की मांग
आईसीसी ने सूक्ष्म लघु एवं मझोले उपक्रमों के लिए कर्ज में सहायता की मांग की है। इस छूट से एमएसएमई इकाइयों को अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के तहत लाने में मदद मिलेगी। व्यक्तिगत कर की सीमा में कटौती की भी मांग की गई है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। उद्योग मंडल इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के लिए कर्ज पर अधिक ब्याज छूट या सहायता की मांग की है। आईसीसी का कहना है कि इससे देश में रोजगार सृजन को प्रोत्साहन मिलेगा। आईसीसी का मुख्यालय कोलकाता में है। अपनी बजट मांग में आईसीसी ने कर दरों को कम कर व्यक्तिगत कराधान का सरलीकरण करने का आग्रह भी सरकार से किया है। चैंबर का कहना है कि इससे अनुपालन बेहतर हो सकेगा।
आईसीसी के अध्यक्ष विकास अग्रवाल ने कहा, ‘‘दो प्रतिशत की ब्याज सहायता से भारतीय एमएसएमई को काफी मदद मिली है। हमारा प्रस्ताव है कि इसका विस्तार किया जाए और दायरा बढ़ाया जाए। हम सरकार से ब्याज सहायता को बढ़ाकर 3-4 प्रतिशत यानी तीन करोड़ रुपये तक करने का आग्रह कर रहे हैं। अभी यह एक करोड़ रुपये तक है।’‘’ उन्होंने कहा कि इन उपक्रमों के लिए ब्याज सहायता योजना का मुख्य उद्देश्य उन्हें जीएसटी नेटवर्क पर लाना है। इस छूट से एमएसएमई इकाइयों को अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के तहत लाने में मदद मिलेगी।’’ उन्होंने व्यक्तिगत कर की सीमा में कटौती की भी मांग की। अग्रवाल ने कहा कि निवासी करदाताओं के लिए लाभांश कर की सीमा को भी 20 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत किया जाना चाहिए।
केआइएएफ में 2020 में दुनिया को अलविदा कहने वाले कलाकारों की दिखाई गईं फिल्में
सिने जगत के उन अभिनेताओं और निर्देशकों की फिल्में 26वें कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव में दिखाई गईं, जिनका पिछले साल निधन हो गया था। दक्षिण कोरिया के फिल्म निर्माता किम की डुक और अर्जेंटीना के फर्नांडो सोलाना द्वारा निर्देशित फिल्में और इरफान खान, ऋषि कपूर, तपस पॉल तथा अमला शंकर अभिनीत फिल्में आठ से 15 जनवरी के बीच कोलकाता के सरकारी थिएटरों में दिखाई गईं। केआईएफएफ के प्रमुख एवं मशहूर फिल्मकार राज चक्रवर्ती ने कहा, ‘हमने भारत, पश्चिम बंगाल तथा विश्व सिने जगत की प्रसिद्ध शख्सियतों के साथ-साथ उससे जुडे़ अन्य कलाकारों के कार्यों को शामिल करने की कोशिश की है।’