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Narada Sting Operation Case: बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कहा-नारद मामले के हस्तांतरण की मांग का कारण स्थापित करने में विफल रही सीबीआइ

Narada Sting Operation Case बचाव पक्ष केे अधिवक्ता ने कहा कि दरअसल सीबीआइ नारद मामले के हस्तांतरण की मांग का कारण स्थापित करने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि नारद मामले को सीबीआइ की विशेष अदालत से हाईकोर्ट में स्थानांतरण करने की कोई आवश्यकता ही नहीं है।

By Priti JhaEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 07:36 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 07:36 AM (IST)
नारद मामले के हस्तांतरण की मांग का कारण स्थापित करने में विफल रही सीबीआइ

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने सीबीआइ की विशेष अदालत के समक्ष नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले को उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई की। बचाव पक्ष केे अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने पांच न्यायाधीशों की पीठ समक्ष कहा कि दरअसल सीबीआइ नारद मामले के हस्तांतरण की मांग का कारण स्थापित करने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि नारद मामले को सीबीआइ की विशेष अदालत से हाईकोर्ट में स्थानांतरण करने की कोई आवश्यकता ही नहीं है।

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उच्च न्यायालय ने हाल ही में चार नेताओं, फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी को अंतरिम जमानत दी थी, जिन्हें सीबीआई ने 17 मई को मामले के संबंध में गिरफ्तार किया था। वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने सवाल किया कि सीबीआइ के ऐसे कितने मामले हैं जिनका स्पेशल कोर्ट में ट्रायल चल रहा है। उन्होंने कहा कि सीबीआइ ने अदालत में भीड़ का हवाला देते हुए ट्रांसफर की याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत से मौके आए हैं जब अदालतों में राजनीतिक दलों के नेता इकट्ठा हुए हैं।

उन्होंने कहा कि कन्हैया कुमार मामले में पटियाला हाउस कोर्ट तो खचाखच भरा हुआ था। रामरहीम के मामले में तो कोर्ट में इससे भी ज्यादा भीड़ थी तो क्या अदालत का कामकाज प्रभावित हुआ था। क्या इससे अदालत का फैसला प्रभावित हुआ था या न्यायिक प्रक्रिया कलुषित हुई थी। अगर सीबीआइ के स्पेशल कोर्ट के जज से इस सिलसिले में कोई बात हुई थी तो उसे कोर्ट में पेश करने से क्यों कतरा रहे हैं। इससे सब कुछ खुलासा हो जाएगा। सीसीटीवी फुटेज क्यों नहीं पेश कर पा रहे हैं। क्या वर्चुवल हियरिंग के दौरान सीबीआइ के ए़वोकेट ने भीड़ से हो रही असुविधा के बाबत कुछ कहा था। इस दौरान बेंच ने सवाल किया कि क्या सीएम के मार्फत वर्चुवल हियरिंग के लिए दबाव बनाया गया था। एडवोकेट लुथरा ने कहा कि दबाव का सवाल ही नहीं उठता है। 


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