खुफिया विभाग के हत्थे चढ़ा रंगदारी के आरोप में फरार तृणमूल नेता
जागरण संवाददाता, कोलकाता : गत 29 मार्च को अलीपुर थानांतर्गत गोपालनगर में रात के अंधेरे में गुटबाजी क
जागरण संवाददाता, कोलकाता : गत 29 मार्च को अलीपुर थानांतर्गत गोपालनगर में रात के अंधेरे में गुटबाजी को लेकर ब्लॉक सभापति विप्लव मित्र पर हमला करने व तांडव मचाने के आरोपित दक्षिण कोलकाता युवा तृणमूल के नेता प्रताप साहा को गुरुवार रात खुफिया पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उस घटना के बाद से वह लगातार ठिकाना बदल रहा था। विष्णुनगर से लेकर सिलीगुड़ी और वहां से पाथरप्रतिम होते हुए प्रताप दक्षिण 24 परगना जिले के गुरुदासपुर में जा छिपा था, जहां से खुफिया विभाग की टीम ने उसे गिरफ्तार किया। उसके साथ ही पांच अन्य लोगों को भी दबोचा गया है। उन्हें अलीपुर न्यायालय में पेश कर 13 अप्रैल तक रिमांड पर लिया गया है। प्रताप तृणमूल के एक मंत्री का करीबी बताया जा रहा है। उसका मनोबल इतना बढ़ गया था कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर चल रहे सरकारी कार्यो के ठेकेदारों से भी वह रंगदारी वसूलने लगा था। उसपर कई सरकारी जमीन पर कब्जा कर वहां आवासन तैयार करने का आरोप है। यहां तक कि अलीपुर सेंट्रल जेल के आसपास मौजूद सरकारी जमीन दखल कर उसने पार्किग लॉट बना दिया था। बताया गया है कि प्रेसिडेंसी जेल के पास एक ऑडिटोरियम का निर्माण कार्य मुख्यमंत्री के निर्देश से चल रहा था। इसकी देखरेख की जिम्मेदारी ममता ने ब्लाक अध्यक्ष विप्लव मित्र को सौंपी थी। आरोप है कि प्रताप ने निर्माण कार्य में लगे सरकारी ठेकेदारों से रंगदारी वसूलने की कोशिश की, जिसका विप्लव ने विरोध किया। इसे लेकर गत 29 मार्च को रात के करीब 10 बजे प्रताप ने अपने 40-50 लोगों को लेकर विप्लव पर हमला कर दिया था। रात 12 बजे तक दोनों पक्षों के लोग एक-दूसरे के घरों पर हमला करते रहे। घटना में साहेब रजक नाम के एक युवक को गंभीर चोट लगी है। घटना में पुलिस ने दोनों पक्षों के 15 लोगों को हिरासत में लिया था, लेकिन प्रताप फरार होने में सफल रहा था। घटना पर मुख्यमंत्री काफी नाराज हुई थीं व प्रशासन के आला अधिकारियों को प्रताप की गिरफ्तारी का निर्देश दिया था। अब जाकर घटना के 9 दिनों बाद उसे गिरफ्तार किया जा सका है।