कोलकाता व आसपास के जिलों में बिजली-पानी को लेकर विरोध प्रदर्शन, सड़क पर लगाया जाम
एम्फन के 6 दिनों बाद भी कुछ इलाकों में बिजली और जल आपूर्ति बाधित है। कई इलाकों में पानी और बिजली की आपूर्ति न होने से परेशान लोगों ने मंगलवार को भी विरोध प्रदर्शन किया
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : चक्रवात एम्फन से प्रभावित कोलकाता में पानी और बिजली की आपूर्ति की तत्काल बहाली को लेकर स्थानीय लोग लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि राज्य सरकार का कहना है कि कई हिस्सों में सेवाएं बहाल हो गयी हैं। एम्फन के 6 दिनों बाद भी कुछ इलाकों में बिजली और जल आपूर्ति बाधित है। चक्रवात एम्फन से प्रभावित कोलकाता के कई इलाकों में पानी और बिजली की आपूर्ति न होने से परेशान लोगों ने मंगलवार को भी विरोध प्रदर्शन किया। आज महानगर के गड़िया समेत हुगली जिले के सेवड़ाफुली आदि इलाकों में विरोध प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे अत्यधिक कठिनाई में हैं क्योंकि पिछले 6 दिनों से बिजली नहीं आ रही है और न ही पानी की आपूर्ति हो रही है।
हुगली जिले के सेवड़ाफुली में कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान के नेतृत्व में लोगों ने सड़क जाम किया तथा जल्द से जल्द इलाके में बिजली सेवा बहाल करने की मांग की। दूसरी तरफ कोलकाता के कई इलाकों में आज बिजली सेवा बहाल हो गई है।कोलकाता तथा आस-पास के इलाकों में बिजली आपूर्ति करने वाली कंपनी सीईएससी ने बताया है कि कल तक महानगर तथा आसपास के लगभग सभी इलाकों में बिजली सेवा बहाल कर दी जाएगी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से धैर्य रखने का आग्रह करते हुए लोगों से कहा है कि प्रशासन पानी और बिजली आपूर्ति को बहाल करने के लिए भरसक प्रयास कर रहा है।
अधीर ने पीएम को लिखा पत्र,'एम्फन' से निपटने में ममता सरकार बुरी तरह फेल
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः चक्रवात एम्फन से बंगाल बुरी तरह प्रभावित है। बंगाल की मदद के लिए केंद्र सरकार ने 1,000 करोड़ रुपये जारी किए हैं। लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता व बंगाल के मुर्शिदाबाद से सांसद अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि बंगाल प्रशासन इस विनाशकारी स्थिति का सामना करने में बुरी तरह विफल रहा है। इस वजह से मैं आपसे आग्रह करता हूं कि मदद के लिए अधिक से अधिक जवान भेजिए। अधीर ने कहा,'तूफान के बाद समुद्र का पानी अलग-अलग क्षेत्रों में अभी भी भरा हुआ है। इसकी वजह से लोगों के सामने पीने के पानी की दिक्कत खड़ी हो गई है। इस पानी में मरे हुए जानवरों के शव भी तैर रहे हैं, जो कि एक बड़ी समस्या का कारण बन सकते हैं।'