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मेरे खिलाफ आपराधिक मानहानि का आरोप निराशाजनक : थरूर

- अपने खिलाफ दायर मुकदमे को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटने का प्रयास बताया - थरूर

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Nov 2018 03:00 AM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 03:00 AM (IST)
मेरे खिलाफ आपराधिक मानहानि का आरोप निराशाजनक : थरूर
मेरे खिलाफ आपराधिक मानहानि का आरोप निराशाजनक : थरूर

- अपने खिलाफ दायर मुकदमे को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटने का प्रयास बताया

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- थरूर के विवादित बयान के खिलाफ दिल्ली में भाजपा नेता ने किया है मुकदमा जागरण संवाददाता, कोलकाता : कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक भाजपा नेता द्वारा दिल्ली की अदालत में शनिवार को उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि की शिकायत को ओछी व निराशाजनक करार देते हुए कहा कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटने का प्रयास है। शनिवार को कोलकाता में पत्रकारों द्वारा आपराधिक मुकदमे के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने जोर देकर कहा कि यह निराशाजनक है। उन्होंने सवाल किया कि यदि किसी की कही बात को हम कहते हैं तो हमारे अधिकार का गला घोंटने की कोशिश शुरू हो जाती है इससे हमारा लोकतंत्र का क्या होगा? अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कहां है? यह पूछे जाने पर कि क्या उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि का मुकदमा उनकी आवाज को दबाने का प्रयास है, इस पर थरूर ने स्पष्ट कहा कि निश्चित तौर पर हमें ऐसा लगता है।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सांसद थरूर द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई कथित बिच्छू वाली टिप्पणी को लेकर भाजपा नेता राजीव बब्बर ने दिल्ली की एक अदालत में शनिवार को उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत की। इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि थरूर ने दुर्भावनापूर्ण ढ़ंग से यह बयान दिया जिससे न केवल ¨हदू देवता का अनादर हुआ है बल्कि यह अपमानजनक भी है। उन्होंने कहा कि थरूर के बयान से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई है। वकील नीरज के जरिए दाय शिकायत में थरूर के बयान को असहनीय दु‌र्व्यवहार और लाखों लोगों की आस्था का पूरी तरह अपमान बताया गया है। यह भी आरोप लगाया है कि थरूर ने जानबूझ कर यह द्वेषपूर्ण काम किया है जिसकी मंशा भगवान शिव के भक्तों की धार्मिक मान्यताओं का अपमान कर उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करना है। उल्लेखनीय है कि थरूर ने हाल में बेंगलुरु साहित्य महोत्सव में एक आरएसएस नेता के बयान का हवाला देकर पीएम मोदी की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छू से की थी। उनके इस बयान की कड़ी आलोचना हुई। वहीं, उनके खिलाफ मानहानि से संबंधित मुकदमा आइपीसी की धारा 499 और धारा 500 के तहत दायर की गई है। यदि थरूर दोषी पाए गए तो उन्हें अधिकतम दो वर्ष जेल की सजा हो सकती है।


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