दिवाली पर पटाखा बाजार में छाई खामोशी
महानगर में विगत तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश और तेज आवाज वाले पटाखों पर प्रतिबंध लगाए जाने की वजह से शहीद मीनार मैदान में लगे बाजी बाजार (पटाखा बाजार) में पटाखों की बिक्री में भारी गिरावट आई है।
जागरण संवाददाता, कोलकाता : महानगर में विगत तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश और तेज आवाज वाले पटाखों पर प्रतिबंध लगाए जाने की वजह से शहीद मीनार मैदान में लगे 'बाजी बाजार' (पटाखा बाजार) में पटाखों की बिक्री में भारी गिरावट आई है। शनिवार को पश्चिम बंगाल बाजी बाजार एसोशिएसन के एक सदस्य ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि त्योहार से पहले जितनी बिक्री की उम्मीद जताई गई थी उतनी हुई नहीं। इसका कारण पटाखों पर लगाया गया प्रतिबंध है। इससे धंधे पर व्यापक असर पड़ा है। इसके अलावा शहर में लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश ने हमारी बची-कुची उम्मीद पर पानी फेर दिया। बारिश की वजह से धर्मतल्ला के शहीद मीनार मैदान में लगने वाला 'बाजी बाजार' की रौनक खो गई। बाजी बाजार में दुकान लगाने वाले एक दुकानदार ने बताया कि ग्राहकों का एक बड़ा तबका फुलझड़ी' और 'चरखी' जैसे पटाखे खरीदने में दिलचस्पी नहीं रखता है। मुझे नहीं लगता कि इस बार कुल बिक्री का आंकड़ा पांच लाख रुपये को भी पार कर पाएगा। हालांकि शनिवार को बारिश नहीं हुई लेकिन पटाखों को लेकर लोगों में कोई उत्साह नहीं दिखा। बाजी बाजार का आयोजन करने वाले संघ के संयुक्त सचिव शांतनु ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल स्टॉल की संख्या 52 से घटकर 39 रह गई है। हर गुजरते साल के साथ स्थिति और खराब होती जा रही है। गौरतलब है कि शहीद मीनार मैदान में प्रत्येक वर्ष बड़े पैमाने पर बाजी बाजार लगता है। यह बाजार राज्य सरकार की निगरानी में लगाया जाता है।