अब विधानसभा में 'दीदी के बोलो' अभियान का विरोध करेंगे वामो-कांग्रेस
-विस सत्र में साझा तौर पर उठेगा मुख्यमंत्री को कहना है स्लोगन -26 अगस्त से शुरू हो रहा है विधानसभ
-विस सत्र में साझा तौर पर उठेगा 'मुख्यमंत्री को कहना है' स्लोगन
-26 अगस्त से शुरू हो रहा है विधानसभा सत्र
जागरण संवाददाता, कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस की ओर से जनसंपर्क बढ़ाने के लिए शुरू किए गए अभियान दीदी के बोलो का विरोध अब वाममोर्चा और कांग्रेस साझा तौर पर विधानसभा में करेंगे। मुख्यमंत्री को कहना है अभियान के जरिए वामो-कांग्रेस की योजना 26 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोलने की है।
बता दें कि तृणमूल की ओर से एक अगस्त को शुरू किए गए उक्त अभियान का विरोध माकपा की ओर से सोशल नेटवर्किग साइट पर 'मुख्यमंत्री को कह रहे हैं' के जरिए किया जा रहा है। इसी तरह का अभियान प्रदेश कांग्रेस की ओर से दीदी के बोलची (दीदी को कह रहे हैं) कुछ दिन पहले ही शुरू किया गया है। अब माकपा और कांग्रेस विधानसभा में दीदी को साझा तौर पर घेरने की तैयारी में जुट गए हैं।
उल्लेखनीय है कि सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र से पहले सत्र को शांतिपूर्ण तरीके से संचालित करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इससे इतर, इसी दिन वाममोर्चा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने अलग से विधायकों की बैठक बुलाई है। बताया जाता है कि इस बैठक में सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की जाएगी। सूत्रों के अनुसार इसी मुद्दे पर सुजन कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अब्दुल मन्नान से भी बातचीत करने वाले हैं।
यह बात दीगर है कि सोशल नेटवर्किग पर कांग्रेस और माकपा ने अभियान का नाम दीदी को कह रहे हैं रखा है जबकि विधानसभा में दोनों दल ने मुख्यमंत्री को बोल रहे हैं अभियान नाम दिया है। बता दें कि विपक्ष के विभिन्न विधायकों ने दीदी के बोलो अभियान को लेकर सार्वजनिक तौर पर आपत्ति जाहिर की है। इनका कहना है कि तृणमूल के अभियान का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है क्योंकि फोन काल ही नहीं लग रहा है जबकि पार्टी एक रणनीति के तहत लोगों को बरगलाने में जुटी है।