माकपा महासचिव सीतारम येचुरी ने कहा बंगाल में वाम- कांग्रेस गठबंधन का पूरा जोर भाजपा का वोट काटने पर होगा
माकपा महासचिव ने भाजपा और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर आगामी विधानसभा चुनाव में वोटों के ध्रुवीकरण के प्रयासों का फिर लगाया आरोप। येचुरी ने बात करते हुए कहा कि सीट बंटवारे पर कांग्रेस के साथ कुछ शुरुआती चर्चा हुई है और यह प्रक्रिया में है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीतारम येचुरी ने एक बार फिर बंगाल में भाजपा और सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस पर आगामी विधानसभा चुनाव में वोटों के ध्रुवीकरण के प्रयासों का आरोप लगाया। इसके साथ सीतारम येचुरी ने साफ कर दिया है कि बंगाल चुनाव में वाम-कांग्रेस गठबंधन का मुख्य उद्देश्य सत्ता विरोधी वोटों को भाजपा की ओर जाने से रोकना होगा। मार्च 2019 के बाद येचुरी पहली बार एक बैठक में हिस्सा लेने के लिए कोलकाता आए हुए थे।
दो दिवसीय बैठक के बाद येचुरी ने बात करते हुए कहा कि सीट बंटवारे पर कांग्रेस के साथ कुछ शुरुआती चर्चा हुई है और यह प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा कि भाजपा और तृणमूल की ओर से बंगाल की राजनीति में ध्रुवीकरण हुआ है। उन्होंने कहा कि दोनों ही पार्टियों पर ध्रुवीकरण सूट करता है। किसान आंदोलन के संबंध में येचुरी ने कहा कि केंद्र की नीतियों के खिलाफ असंतोष का महौल बंगाल में भी है। उदाहरण के लिए, बंगाल में किसानों की धान की कीमत 1250 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा है जबकि खरीद मूल्य 1880 रुपए निर्धारित है।
उन्होंने कहा कि हम लोगों की आजीविका के मुद्दों को उठाकर ध्रुवीकरण को दूर करेंगे और नौकरी, स्वास्थ्य और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करेंगे। हमने प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए कांग्रेस सहित सभी दलों से अपील की है।एआइएमआइएम नेता असदुद्दीन ओवैसी की बंगाल चुनाव में भूमिका के बारे में पूछे जाने पर येचुरी ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि एआइएमआइएम का क्या मिशन है। हमें यह जानना होगा कि वह कहां खड़े हैं।
येचुरी ने इसके साथ ही कहा कि तृणमूल के खिलाफ जनता में गुस्सा है। अगर कोई नरम रुख अपनाता है तो पूरा फायदा भाजपा को जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में इन दोनों राजनीतिक ताकतों के ऐसे प्रयासों को विफल करने की मंशा रखने वालों को वैकल्पिक नीतियां अपनानी चाहिए।