Cow Smuggling Case: सीबीआइ का निर्देश था हर हाल में पेश होना, बहाना बनाकर अस्पताल में भर्ती हुए तृणमूल नेता अनुब्रत मंडल
अनुब्रत मंडल (Anubrata Mondal) सीबीआइ के निर्देश के बावजूद सोमवार को पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए। खुद हाजिर होने की जगह पर उन्होंने सीबीआइ (CBI) को ई-मेल भेजकर चिकित्सकीय जांच का हवाला देते हुए हाजिर होने में असमर्थता जता दी थी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बीरभूम जिले के अध्यक्ष अनुब्रत मंडल (Anubrata Mondal) सीबीआइ के निर्देश के बावजूद सोमवार को पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए। खुद हाजिर होने की जगह पर उन्होंने सीबीआइ (CBI) को ई-मेल भेजकर चिकित्सकीय जांच का हवाला देते हुए हाजिर होने में असमर्थता जता दी थी।
इसके बाद सीबीआइ ने मंडल को जवाबी मेल भेज कर साफ कहा था कि सोमवार को हर हाल में हाजिर होना होगा। ऐसे में वह चिकित्सकीय जांच के लिए कोलकाता स्थित एसएसकेएम अस्पताल में दाखिल हो गए।
मंडल से दो बार हो चुकी है पूछताछ
मालूम हो कि सीबीआइ ने पांच अगस्त को समन जारी कर मंडल को पेश होने का निर्देश दिया था। सीबीआइ इससे पहले अपनी जांच के सिलसिले में मंडल से दो बार पूछताछ कर चुकी है। वहीं छह बार नोटिस देने के बावजूद वे हाजिर नहीं हुए थे।
बता दें कि सीबीआइ ने गाय तस्करी मामले में हाल-फिलहाल में बीरभूम में कई ठिकानों पर छापेमारी की है। जांच एजेंसी ने इस मामले में मंडल के सुरक्षाकर्मी सहगल हुसैन को भी गिरफ्तार किया है।
मंडल पर भी लटक रही गिरफ्तारी की तलवार
शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी ममता बनर्जी के कद्दावर मंत्री रहे पार्थ चटर्जी को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। अब सीबीआइ ने गाय तस्करी मामले में भी जांच तेज कर दी है। कहा जा रहा है कि वह सीबीआइ के शिकंजे से बचने के लिए अस्पताल पहुंचे हैं।
सीबीआइ को जब जानकारी मिली की अनुब्रत मंडल अस्पताल पहुंचे हैं तो अधिकारियों ने मंडल के वकील को एक ईमेल संदेश भेजा। ईमेल में सीबीआइ ने जोर देकर कहा गया कि मंडल अपनी चिकित्सा जांच के तुरंत बाद एजेंसी के निजाम पैलेस कार्यालय में पेश हों। मंडल के वकील ने बताया है कि वे हाजिर होने के लिए 15 दिनों का समय चाहते हैं।
कोर्ट ने खारिज की हुसैन की जमानत अर्जी
वहीं अनुब्रत मंडल के बाडीगार्ड सहगल हुसैन की जमानत अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दी है। वह फिलहाल जेल में है। हुसैन के पास सीबीआइ को 150 करोड़ की संपत्ति होने का पता चला है।
इसके अलावा, मंडल के करीबी सहयोगी करीम खान से सीबीआइ को महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। अधिकारियों ने बताया कि उन्हें पता चला है कि बीरभूम के माध्यम से मालदाऔर मुर्शिदाबाद के सीमावर्ती जिलों में गाय-तस्करी के मार्ग हैं। यहां से गाय तस्करी पड़ोसी बांग्लादेश में की गई थी।