International Yoga Day 2020: कोरोना ने देश-दुनिया में बढ़ाया योग का महत्व
International Yoga Day 2020 कोविड-19 समेत विभिन्न बीमारियों से बचने के लिए नियमित रूप से योगाभ्यास की सलाह दे रहे हैं डॉक्टर।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। International Yoga Day 2020: कोरोना ने पूरी दुनिया में योग के महत्व को और बढ़ा दिया है। डॉक्टर लोगों को कोविड-19 समेत विभिन्न बीमारियों से बचने के लिए नियमित रूप से योगाभ्यास की सलाह दे रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर फोर्टिस अस्पताल आनंदपुर में हड्डी और जोड़ों के विभाग के निदेशक डॉ. रोनेन रॉय ने कहा-'योगासन मांसपेशियों और जोड़ों के खिंचाव और उन्हें मजबूत करने में मदद करते हैं। मांसपेशियों की कठोरता को कम करते हैं और तनाव को प्रबंधित करने में भी सहायक हैं। ये सब स्वस्थ महसूस करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।'
फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉ. राजा धर ने कहा-'फेफड़ों की बीमारियों से पीड़ित लोगों की संख्या चिंताजनक है। योग सांस लेने की मांसपेशियों को खींचता है। इंटरकोस्टल मांसपेशियों और डायाफ्राम से हमारी सांस लेने की क्षमता बढ़ती है, जिसे चिकित्सकीय भाषा में वाइटल कैपासिटी या टोटल लंग कैपासिटी कहा जाता है।'
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. शुभानन रॉय ने कहा-'योग न केवल शारीरिक फिटनेस बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि दीर्घ काल में हृदय संबंधी बीमारियों से बचने में भी सहायक है। योग से मन और शरीर के बीच सही समन्वय स्थापित होता है। यह रक्तचाप को नियंत्रित करता है और हृदय रोग की आशंका को भी कम करता है। जिस तरह मोटापा कम करने के लिए शारीरिक व्यायाम महत्वपूर्ण है, उसी तरह योग का अभ्यास करने से आने वाले वर्षों में हृदय रोग से बचा जा सकता है।'
इंटरनल मेडिसिन कंसल्टेंट डॉ. दिब्येंदु मुखर्जी ने कहा-'योग शारीरिक फिटनेस को संपूर्ण रूप से बनाए रखने का आदर्श तरीका है। योग जोड़ों की गतिशीलता को सुनिश्चित करता है और ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने की शक्ति भी रखता है। यह रक्तचाप कम करने वाले एजेंट के रूप में काम करता है और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी सहायक है। इसकी बदौलत मधुमेह को अच्छी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है क्योंकि योगासन शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाने में मदद करते हैं।
यह किसी भी तरह की सूजन और गठिया के दर्द को कम करने की भी क्षमता रखता है, हालांकि उचित मार्गदर्शन में योगासनों का अभ्यास किया जाना चाहिए। अनुचित तरीके से योगासन से नुकसान भी हो सकता है, खासकर अगर किसी की उम्र 50 साल से ऊपर है।'