यार्ड में खड़ी रैक के एसी कोच से तांबे का तार चोरी
-हिमगिरि एक्सप्रेस के एलएचबी रैक में लगाया गया था एसी-2 टियर कोच -चोरी के तरीके से संदेह
-हिमगिरि एक्सप्रेस के एलएचबी रैक में लगाया गया था एसी-2 टियर कोच
-चोरी के तरीके से संदेह के घेरे में आए सेक्शन पी के कर्मचारी, आरपीएफ ने शुरू की जांच जागरण संवाददाता, हावड़ा : लिलुआ शर्टिग यार्ड में खड़ी हिमगिरि एक्सप्रेस के एलएचबी रैक में लगाए गए एसी कोच से तांबे का तार चोरी होने का मामला सामने आया है। घटना के बाद अफसरों द्वारा आरपीएफ को भी गुमराह किया गया। चोरी के तरीके से विभागीय अधिकारी संदेह के घेरे में आ गए हैं। आरपीएफ ने घटना की जांच शुरू कर दी है।
सूत्रों के अनुसार बीते शुक्रवार को लिलुआ शर्टिग यार्ड में खड़ी हिमगिरि एक्सप्रेस के एलएचबी रैक में एसी-2 टियर कोच संख्या 06051/सी को जोड़ा गया था। रैक को रवाना करने से पहले सेक्शन पी के अधिकारियों की देखरेख में एसी कोच के रखरखाव का कार्य किया गया था। इसी बीच कोच के बाथरूम के पास बने बाक्स से करीब 8 पीस (प्रति पीस 2 मीटर) तांबे का तार गायब हो गया। घटना के कई घंटे बाद शाम करीब पांच बजे संबंधित विभाग की ओर से बामनगाछी आरपीएफ को चोरी होने की सूचना दी गई। सूत्रों की माने तो बिना मेमो के ही एसी कोच में रखरखाव का कार्य किया गया था। चोरी का जो तरीका अपनाया गया था वह भी विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत की ओर इशारा कर रहा है। क्योंकि बाक्स के अंदर से तार तो गायब था लेकिन नट बोल्ट अपनी जगह में लगा हुआ था। तार के दूसरे सिरे को काटा गया था। आरपीएफ की नजरदारी के चलते बाहरी व्यक्ति द्वारा कोच के अंदर पहुंचकर चोरी करना संभव नहीं है। उधर, घटना की वजह से उक्त एसी कोच को हटाकर रात में रैक को रवाना किया गया। अजीबोगरीब चोरी की इस घटना से संबंधित विभाग के अधिकारी संदेह के घेरे में आ गए हैं। शनिवार को आरपीएफ ने चोरी के बाबत कर्मचारियों से पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार अपना दामन बचाने के लिए दो अधिकारी तो एक यूनियन की चौखट तक पहुंच गए। इसके बाद मामले को रफा दफा करने का दबाव शुरू हो गया। शर्टिग यार्ड में एसी कोच में चोरी का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी चोरी की कई घटनाएं हुई थी जिसे दबा दिया गया था। कुछ माह पहले कार्यालय में पार्टी करते वक्त अग्निकांड की घटना भी हुई थी। इसके बावजूद आला अधिकारी मौन धारण किए हुए हैं।