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शीतलकूची फायरिंग कांड में कूचबिहार के एसपी निलंबित, सीआइडी में जांच को एसआइटी गठित, आइओ तलब

बंगाल में तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही ममता बनर्जी ने उन अधिकारियों पर गाज गिरानी शुरू दर दी है जो चुनाव के दौरान उनके साथ खड़े नहीं थे। चौथे चरण के मतदान के दौरान कूचबिहार जिले के शीतलकूची में हुई फायरिंग के बाद ऑडियो सामने आया था

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 04:59 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 04:59 PM (IST)
शीतलकूची फायरिंग कांड में कूचबिहार के एसपी निलंबित, सीआइडी में जांच को एसआइटी गठित, आइओ तलब
चौथे चरण के मतदान के दिन फायरिंग में हुई चार की मौत

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः बंगाल में तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही ममता बनर्जी ने उन अधिकारियों पर गाज गिरानी शुरू दर दी है, जो चुनाव के दौरान उनके साथ खड़े नहीं थे। चौथे चरण के मतदान के दौरान कूचबिहार जिले के शीतलकूची में हुई फायरिंग के बाद एक ऑडियो सामने आया था जिसमें एसपी देवाशीष दर से लेकर आइओ तक को फंसाने की बात कही गई थी। ममता बनर्जी अब सीएम बन गई तो उन्होंने जिले के एसपी देवाशीष धर को निलंबित कर दिया है।

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दूसरी ओर, मुख्यमंत्री ने सीआइडी को शीतलकूची की घटना की जांच तेज करने का भी निर्देश दिया है। इसके बाद सीआइडी ने चार सदस्यी स्पेशल जांच टीम(एसआइटी) बनाई है। जिसकी अगुवाई डीआइजी सीआइडी करेंगे। सीट ने मामले के जांच अधिकारी(आइओ) मलय घटक को तलब किया है। साथ ही एसआइटी माथाभांगा थाने के इंस्पेक्टर इंचार्ज(आइसी) विश्वाश्रय सरकार को भी अगले सप्ताह तलब करेगी।

बता दें कि कूचबिहार के एसपी देवाशीष धर की नियुक्ति चुनाव आयोग ने की थी। उनके पहले के आइपीएस अफसर कानन पुलिस अधीक्षक थे। एक बार फिर ममता सरकार ने उन्हीं को जिले की जिम्मेवारी सौंपी है। दरअसल जब के कानन एसपी थे तब जिले में भाजपा के एक नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसे लेकर भाजपा सांसद निशिथ प्रमाणिक ने कानन पर तृणमूल के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद चुनाव आयोग ने उन्हें हटाकर देबाशीष धर को एसपी बना दिया था।

दस अप्रैल को चौथे चरण के मतदान वाले दिन शीतलकूची में केंद्रीय औद्योगिक बल(सीआइएसएफ) की फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई थी। उस समय एसपी धर ने कहा था कि भीड़ ने केंद्रीय बल को घेर लिया था और जिसकी वजह से आत्मरक्षा में केंद्रीय बल ने गोली चलाई थी। वहीं ममता ने आरोप लगाया था कि सेंट्रल फोर्स ने केंद्र के इशारे पर गोली चलाई है जबकि एसपी के तौर पर देवाशीष ने जो रिपोर्ट दी थी जिसमें उन्होंने कहा था कि सेंट्रल फोर्स की बंदूक छीनने की कोशिश की गई थी, जिसकी वजह से आत्मरक्षा में फायरिंग करनी पड़ी थी। उसके बाद कथित रूप से ममता का एक ऑडियो वायरल हुआ था जिसमें वह एसपी और थाना प्रभारी को फंसाने का निर्देश दे रही थीं। बाद में सीएम ममता बनर्जी ने जाकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी और वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद दोषियों को सजा दिलाएंगी।


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