Move to Jagran APP

Bengal Chunav Hinsa: यूपीएससी की परीक्षा के प्रश्नपत्र में बंगाल में चुनावी हिंसा को शामिल किए जाने पर विवाद

तृणमूल कांग्रेस ने इसके लिए जिम्मेदार यूपीएससी के अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग की भाजपा ने कहा-जब बंगाल बोर्ड के पाठ्यक्रम में सिंगुर आंदोलन को शामिल किया जा सकता है तो इसमें हर्ज क्या?प्रश्नपत्र में बंगाल में चुनावी हिंसा पर 200 शब्दों में प्रतिवेदन लिखने को कहा गया था।

By Priti JhaEdited By: Published: Tue, 10 Aug 2021 01:00 PM (IST)Updated: Tue, 10 Aug 2021 03:44 PM (IST)
Bengal Chunav Hinsa: यूपीएससी की परीक्षा के प्रश्नपत्र में बंगाल में चुनावी हिंसा को शामिल किए जाने पर विवाद
नए कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे आंदोलन को राजनीति से प्रेरित बताते हुए प्रतिवेदन लिखने को भी कहा गया।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) की परीक्षा के प्रश्नपत्र में बंगाल में चुनावी हिंसा को शामिल किए जाने पर विवाद पैदा हो गया है। यूपीएससी के तहत होने वाली सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) की नियुक्ति परीक्षा के प्रश्नपत्र में परीक्षार्थियों को बंगाल में चुनावी हिंसा पर प्रतिवेदन लिखने को कहा गया था। तृणमूल कांग्रेस ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे प्रश्नपत्र से अविलंब हटाने को कहा है। पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा- 'ऐसा लग रहा है कि यह नियुक्तियां भाजपा करा रही है। वह प्रशासन पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है। यह लोकतंत्र के लिए खतरा है।'

loksabha election banner

कुणाल घोष ने इसके लिए जिम्मेदार यूपीएससी के अधिकारियों को बर्खास्त करने की भी मांग की है। दूसरी तरफ, बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा- 'जब बंगाल बोर्ड के पाठ्यक्रम में सिंगुर आंदोलन को शामिल किया जा सकता है तो इसमें हर्ज क्या है? नौकरी प्रार्थियों को देश के मौजूदा हालात की कितनी जानकारी है, यह जानने के लिए ही इसे प्रश्नपत्र में शामिल किया गया था।'

गौरतलब है कि यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) की परीक्षा के प्रश्नपत्र में बंगाल में चुनावी हिंसा को शामिल किए जाने पर विवाद पैदा हो गया है। सीएपीएफ की परीक्षा गत आठ अगस्त को हुई थी। प्रश्नपत्र में बंगाल में चुनावी हिंसा पर करीब 200 शब्दों में प्रतिवेदन लिखने को कहा गया था। इसपर 10 अंक थे। नए कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे आंदोलन को राजनीति से प्रेरित बताते हुए प्रतिवेदन लिखने को भी कहा गया था। अन्य विषय के तौर पर दिल्ली में ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति की समस्या भी थी।

तृणमूल सांसद सौगत राय ने कहा- 'यह बेहद निंदनीय है। इस तरह के विषयों को राजनीति में लाकर पूरी व्यवस्था को नष्ट करने की कोशिश की जा रही है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तृणमूल इसका जबरदस्त विरोध करेगी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.