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रवींद्रनाथ टैगोर की 3500 कविताओं का डिजिटल संग्रह जारी, बनाने में लगे हैं पांच साल

पांच साल के परिश्रम के बाद रविवार को गुरूदेव रवींद्रनाथ टैगोर की 3,500 कविताओं के एक डिजिटल संग्रह को जारी किया गया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 09:54 AM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 01:13 PM (IST)
रवींद्रनाथ टैगोर की 3500 कविताओं का डिजिटल संग्रह जारी, बनाने में लगे हैं पांच साल
रवींद्रनाथ टैगोर की 3500 कविताओं का डिजिटल संग्रह जारी, बनाने में लगे हैं पांच साल

कोलकाता, जागरण संवाददाता। पांच साल के परिश्रम के बाद रविवार को गुरूदेव रवींद्रनाथ टैगोर की 3,500 कविताओं के एक डिजिटल संग्रह को जारी किया गया। यह संग्रह एक निजी पहल के तहत जारी किया गया है। इस संग्रह में 15 कविताएं वह हैं जिनका पाठ टैगोर ने खुद किया था, जबकि बाकियों का पाठ 245 अन्य वक्ताओं ने किया।

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संग्रह तैयार करने वाले पुणदु बिकास सरकार ने बताया कि कविताओं की प्रस्तुति के अलावा 'रवींद्र कोबिता आर्काइव' में 110 रवींद्र संगीत और 103 अंग्रेजी कविताओं को भी शामिल किया गया है। सरकार ने बताया कि टैगोर की 60 सबसे लोकप्रिय कविताओं को सबसे प्रसिद्ध कविताएं, नामक एक अलग गैलरी में रखा गया है। उन्होंने पांच साल तक शोध करने के बाद इन कविताओं को संकलित कर उनका डिजिटल संग्रह तैयार किया है। इस संग्रह में टैगोर से जुड़े कई विवरण मौजूद हैं, जैसे उन्होंने किस उम्र में ये कविताएं लिखीं थीं या किस जगह इन्हें लिखा गया आदि।

सरकार ने कहा कि मैंने शोध के दौरान पाया कि टैगोर की 150 लोकप्रिय कविताओं के अलावा लोग अन्य के बारे में ज्यादा नहीं जानते और ऐसी कविताएं लोकप्रिय कविताओं की तुलना में बहुत ज्यादा थीं। उन्होंने कहा कि डिजिटल पहल के जरिए अब युवा पीढ़ी को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित टैगोर के कम ज्ञात कामों के बारे में जानने में मदद मिलेगी।

विश्र्वभारती विश्र्वविद्यालय के कुलपति सबुजकली सेन इस हफ्ते की शुरुआत में संग्रह लॉन्च करने के कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहे। बांग्लादेश के उप उच्चायुक्त तौफिक हसन ने कहा कि इस संग्रह के जरिए विश्र्वभर में रह रहे 25 करोड़ बंगालियों को टैगोर की कविताओं को सुनने का मौका मिलेगा। यह संग्रह 28 अगस्त को लॉन्च किए गए एक ऑनलाइन एप के जरिए डाउनलोड के लिए उपलब्ध है। 


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