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कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा- भाजपा ने आदिवासियों के उत्थान के लिए कुछ नहीं किया:

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने बांकुरा में भाजपा के एक आदिवासी कार्यकर्ता के घर पर दोपहर का भोजन किया था। चौधरी ने कहा कि भगवा दल ने समाज के इस वर्ग के उत्थान के लिए कुछ नहीं किया और अब वह उन्हें रिझाने के लिए तमाम हथकंडे अपना रही है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 06 Nov 2020 09:58 AM (IST)Updated: Fri, 06 Nov 2020 09:58 AM (IST)
कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा- भाजपा ने आदिवासियों के उत्थान के लिए कुछ नहीं किया:
कांग्रेस की बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस की बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने 2021 के राज्य विधानसभा चुनाव से पहले आदिवासियों को लुभाने के भाजपा के प्रयासों का माखौल उड़ाते हुए कहा कि भगवा दल ने समाज के इस वर्ग के उत्थान के लिए कुछ नहीं किया और अब वह उन्हें रिझाने के लिए तमाम हथकंडे अपना रही है। चौधरी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्य के दो दिवसीय दौरे के दौरान दक्षिण बंगाल में एक आदिवासी परिवार के घर जाने का जिक्र कर रहे थे।

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भाजपा के वरिष्ठ नेता ने बांकुरा जिले के चतुरडीह गांव में भाजपा के एक आदिवासी कार्यकर्ता के घर पर दोपहर का भोजन किया था। चौधरी ने कहा कि भगवा दल ने समाज के इस वर्ग के उत्थान के लिए कुछ नहीं किया और अब वह उन्हें रिझाने के लिए तमाम हथकंडे अपना रही है। वास्तव में भाजपा की विभाजनकारी राजनीति का यह हथकंडा पश्चिम बंगाल में काम नहीं करेगा। उन्होंने वोट बैंक की खातिर पश्चिम बंगाल में ‘‘प्रतिस्पर्धी सांप्रदायिकता’’ के लिए भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों को दोषी ठहराया।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा शासित राज्यों में दलितों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर अत्याचार को कोई नहीं भूल सकता है और अपराधियों के खिलाफ प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।’’ चौधरी ने कहा, ‘‘शाह यह साबित करने के लिए बेताब हैं कि मतुआ जैसे पिछड़े समुदायों के लिए उनका प्यार हमारी दीदी (ममता बनर्जी) से अधिक है।’’ बनर्जी ने मतुआ के लिए एक विकास बोर्ड की घोषणा की थी और उसे 10 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की थी। कांग्रेस नेता ने पूछा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले मतुआ समुदाय के लाखों लोगों का दस करोड़ रुपये से क्या होगा।

उन्होंने कहा कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों पश्चिम बंगाल को ‘‘समावेशिता के बजाय जातिवाद के विपरीत मार्ग’’ पर ले जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भारत के कई हिस्सों में, जाति एक प्रमुख मुद्दा है। ऐसे राज्यों में 30 से अधिक जातियां हैं। यहां पश्चिम बंगाल में, सात से अधिक जातियों को नहीं जाना जाता है। क्या आप मुझसे पूछते हैं कि मैं किस जाति का हूं या मैं आपकी जाति के बारे में पूछता हूं?

उत्तर भारत में जाति व्यवस्था फैली हुई है और अब इसे प्रगतिशील बंगाल में आयात किया जा रहा है।’’ संवाददाता सम्मेलन से पहले चौधरी ने यहां कांग्रेस मुख्यालय पर हुए एक धरने का नेतृतव किया। देश में दलितों और महिलाओं पर कथित हमलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। 


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