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Political Crisis : केंद्र की सत्ता में जल्द नहीं होगी वापसी यह मानकर कांग्रेस छोड़ रहे हैं नेताः अधीर चौधरी

ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट के मुद्दे पर अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी कभी भी पार्टी में नहीं उपेक्षा हुई और नहीं छोटा माना गया।

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 06:08 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jul 2020 06:08 PM (IST)
Political Crisis : केंद्र की सत्ता में जल्द नहीं होगी वापसी यह मानकर कांग्रेस छोड़ रहे हैं नेताः अधीर चौधरी

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता व बंगाल के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि कुछ युवा और अतिमहत्वाकांक्षी नेताओं को ऐसा लग रहा है कि निकट भविष्य में कांग्रेस केंद्र की सत्ता में नहीं लौटेगी। इसीलिए वे नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। हाल में कांग्रेस से ज्योतिरादित्य सिंधिया और अब सचिन पायलट का कांग्रेस से मोहभंग हो चुका है। ऐसे में अधीर का यह बयान काफी अहम माना जा रहा है। बंगाल के बहरमपुर के सांसद का मानना है कि ऐसे नेताओं के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस को अस्थाई तौर पर नुकसान हो सकता है। हालांकि उनका यह भी मानना है कि वैचारिक प्रतिबद्धता की कमी वाले नेताओं की व्यक्तिगत आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए पार्टी के अनुशासन और विचारधारा से समझौता नहीं किया जा सकता है। उन्होंने संभावना जताई है कि कुछ और युवा नेता कांग्रेस का दामन छोड़ सकते हैं। उनका कहना है कि पार्टी में कुछ ऐसे अतिमहत्वाकांक्षी युवा नेता हैं जो जो इस बात से बेचैन है कि उन्हें पार्टी से कम मिल रहा है। इसीलिए वे अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा की संतुष्टि के लिए अन्य विकल्प को तलाश कर रहे हैं। अधीर के मुताबिक ऐसा इसिलए हो रहा है कि उन्हें लगता है कि कांग्रेस केंद्र की सत्ता पर फिलहाल काबिज नहीं होने वाली है। इसीलिए पार्टी उनकी मांगों को पूरी नहीं कर पाएगी। यही वजह है कि युवा नेता पार्टी बदल रहे हैं या फिर बदलने की योजना बना रहे हैं।

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सिंधिया और पायलट की उपेक्षा नहीं 

ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट के मुद्दे पर अधीर ने कहा कि उनकी कभी भी पार्टी में नहीं उपेक्षा हुई और नहीं छोटा माना गया। उन्होंने कहा कि कई राजनीतिक दलों में ऐसे नेता हैं, जिन्हें उनका हक नहीं मिला है, लेकिन क्या उन्होंने अपनी पार्टी को छोड़ा? उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों में ऐसे कई क्षमतावान नेता होते हैं जिन्हें पार्टी में अपेक्षित महत्व नहीं मिलता है तो क्या ऐसे नेता सत्ता की मलाई खाने के लिए पार्टी छोड़़ देते हैं? अधीर ने उस दावे को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव सिंधिया ने जितवाए थे, क्योंकि वह प्रचार अभियान समिति के प्रमुख थे। इस पर उन्होंने कहा कि अगर ऐसा था तो वह लोकसभा चुनाव कैसे हार गए।

नेतृत्व का संकट नहीं, गांधी परिवार ही संभाले बागडोर 

कांग्रेस के समक्ष क्या नेतृत्व का संकट है। जिसकी वजह से यह समस्याएं सामने आ रही है। इस पर अधीर ने कहा कि पार्टी में नेतृत्व का संकट मीडिया की उपज है। पार्टी की नेता सोनिया गांधी है। उनकी क्षमता पर किसी को संदेह नहीं होना चाहिए। क्योंकि उन्हीं के नेतृत्व में २००४ से १४ तक कांग्रेस का शासन केंद्र में रहा। कांग्रेस की बागडोर अंतिरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से कौन लेगा इस पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य अधीर ने कहा कि पार्टी में कई अच्छे नेता हैं पर उनमें गांधी परिवार के कद व करिश्मे की कमी है। गांधी परिवार कांग्रेस को जोड़ कर रखनेवाली ताकत है। पार्टी चाहती है कि गांधी परिवार ही उसे नेतृत्व प्रदान करे।

नीतियों का विरोध करने में सबसे आगे हैं राहुल

अधीर ने कहा कि पिछले वर्ष सोनिया जी अच्छा काम किया है। यदि राहुल गांधी बागडोर संभालना चाहें तो वह काम कभी भी शुरू कर सकते हैं। राहुल गांधी के अशंकालिक नेता होने की बात से असहमत अधीर ने कहा कि यह सब भाजपा के कहने पर मीडिया का एक वर्ग कहता रहता है। चौधरी ने कहा कि राहुल गांधी इकलौते नेता हैं जो लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध करने में सबसे आगे हैं।


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