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थमा चुनाव प्रचार का शोर, कल मतदान

पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रचार का शोर शनिवार शाम 5 बजे थम गया। राज्य चुनाव आयोग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि इसके बाद फेसबुक अथवा अन्य किसी माध्यम से उम्मीदवार प्रचार नहीं कर सकते। आयोग की ओर से मतदान को लेकर सभी तैयारियां पूरी करने की बात कही गई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 May 2018 08:14 PM (IST)Updated: Sat, 12 May 2018 08:14 PM (IST)
थमा चुनाव प्रचार का शोर, कल मतदान
थमा चुनाव प्रचार का शोर, कल मतदान

-फेसबुक व अन्य माध्यमों से उम्मीदवार नहीं कर सकते चुनाव प्रचार

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-सोमवार सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक मतदान

-18 फीसद मतदान केंद्र संवेदनशील चिन्हित, 11 फीसद अति संवेदनशील

-आयोग दफ्तर के विशेष हेल्पलाइन नंबर 033-22805803/04 पर सुनी जाएगी शिकायत

-190 पर्यवेक्षकों की निगरानी, प्रत्येक बूथ के लिए एक सशस्त्र व एक लाठीधारी पुलिस

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जागरण संवाददाता, कोलकाता : पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रचार का शोर शनिवार शाम 5 बजे थम गया। राज्य चुनाव आयोग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि इसके बाद फेसबुक अथवा अन्य किसी माध्यम से उम्मीदवार प्रचार नहीं कर सकते। आयोग की ओर से मतदान को लेकर सभी तैयारियां पूरी करने की बात कही गई है। मतदाता पहचान पत्र के अलावा लोग 14 अन्य प्रकार के पहचान पत्र दिखाकर मतदान में हिस्सा ले सकते हैं। इनमें आधार कार्ड को पहली बार शामिल किया गया है। चुनाव आयोग ने कुल 47451 मतदान केंद्रों में से 18 फीसद मतदान केंद्र को संवेदनशील के तौर पर चिन्हित किया गया है। इनमें से 11 फीसद मतदान केंद्र अति संवेदनशील करार दिए गए हैं। राज्य चुनाव आयोग दफ्तर में विशेष हेल्पलाइन शुरू की गई है। रविवार सुबह 10 बजे से कोई भी शिकायत आयोग के हेल्पलाइन नंबर 033-22805803 व 033-22805804 पर की जा सकती है।

इससे पहले आखिरी दिन सभी राजनीतिक दलों ने कड़ी धूप में प्रचार के लिए जमकर पसीना बहाया। दार्जिलिंग और कलिम्पोंग को छोड़कर राज्य के 20 जिलों में सोमवार को सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक मतदान होगा। आवश्यकता अनुसार पुनर्मतदान 16 मई को होगा जबकि मतगणना 17 मई को सुबह आठ बजे से शुरू होगी। राज्य चुनाव आयोग की ओर से मतगणना के लिए ब्लॉक स्तर पर 330 केंद्रों पर व्यवस्था की गई है। चुनाव की पूरी प्रक्रिया 21 मई को समाप्त कर ली जाएगी।

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त्रिस्तरीय होगी सुरक्षा व्यवस्था

राज्य चुनाव आयोग की ओर से बताया गया है कि पंचायत चुनाव के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। प्राथमिक स्तर पर मतदान केंद्र, द्वितीय स्तर पर सेक्टर आफिस और तीसरे स्तर पर क्विक रिस्पांस टीम तैनात रहेगी। सुरक्षा के लिहाज से प्रत्येक मतदान केंद्र पर एक सशस्त्र पुलिस एवं एक लाठीधारी कांस्टेबल तैनात रहेंगे। जहां मतदान केंद्र की संख्या दो है, वहां दो सशस्त्र व दो लाठीधारी कांस्टेबल तैनात रहेंगे। इस बार के पंचायत चुनाव में कुछ जगहों पर सर्वाधिक एक स्थान पर छह बूथ हैं और यहां सुरक्षा की व्यवस्था क्रमश: उपरोक्त आधार पर ही रहेगी। चुनाव के लिए कुल 190 पर्यवेक्षक तैनात रहेंगे इनमें से विशेष पर्यवेक्षकों की संख्या 20 है।

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तैनात रहेंगे चार राज्यों के सशस्त्र पुलिस बल

राज्य पुलिस की ओर से बताया गया है कि चार राज्यों सिक्किम, तेलंगाना, ओड़िशा और आंध्र प्रदेश से 18 कंपनी सशस्त्र पुलिस बल आ रही है। कई संवेदनशील इलाकों में राज्य सुरक्षा बलों और रैफ के जवानों का रूट मार्च शुरू हो गया है। इस बीच राज्य सरकार की ओर से सिविक वोलेंटियरों को भी प्रशिक्षित किया गया है। चुनाव आयोग की ओर से सभी जिलों के डीएम व एसपी को निर्देश दिए गए हैं कि निर्बाध, निष्पक्ष व शातिपूर्ण मतदान सुनिश्चित कराने के लिए सभी तरह के उपाय करें। इसके अलावा चुनाव वाले इलाकों में सोमवार को छुट्टी की घोषणा कर दी गई है।

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कई सीटों पर पहले ही हो चुका है हार-जीत का फैसला

राज्य में ग्राम पंचायत की कुल सीटें 48650 हैं, जिनमें 16814 सीटें ऐसी हैं, जहां सत्तारूढ़ दल के उम्मीदवार निर्विरोध जीत चुके हैं क्योंकि वहां दूसरे दलों ने उम्मीदवार ही नहीं उतारा। ऐसी सीटों पर चुनाव नहीं कराए जाएंगे। इसी तरह राज्य में पंचायत समिति की कुल 9271 सीटों में से 3059 पर हार-जीत का फैसला हो चुका है जबकि जिला परिषद की कुल 825 सीटों में से 203 पर भी चुनाव नहीं होंगे क्योंकि यहां भी हार-जीत का फैसला चुनाव से पहले ही हो चुका है।


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