Move to Jagran APP

Coal Smuggling: कोयला तस्करी कांड में अभिषेक की तीन कंपनियां ईडी की जांच के दायरे में

इन कंपनियों ने जांच एजेंसी का ध्यान तब आकर्षित किया जब जांच एजेंसी ने फंड के कुछ ट्रांसफर का पता लगाया। लीप्स एंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड और लीप्स एंड बाउंड्स इंफ्रा कंसल्टेंट्स में अभिषेक के माता-पिता अमित और लता बनर्जी निदेशक हैं।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sat, 03 Sep 2022 05:07 PM (IST)Updated: Sat, 03 Sep 2022 05:07 PM (IST)
Coal Smuggling: कोयला तस्करी कांड में अभिषेक की तीन कंपनियां ईडी की जांच के दायरे में
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की तस्‍वीर।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की तीन कंपनियां बंगाल में करोड़ों रुपये के कोयला तस्करी घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में हैं।

loksabha election banner

इन कंपनियों के नाम लीप्स एंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड, लीप्स एंड बाउंड्स इंफ्रा कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और लीप्स एंड बाउंड्स मैनेजमेंट सर्विसेज एलएलपी हैं। इन कंपनियों ने जांच एजेंसी का ध्यान तब आकर्षित किया, जब जांच एजेंसी ने फंड के कुछ ट्रांसफर का पता लगाया। लीप्स एंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड और लीप्स एंड बाउंड्स इंफ्रा कंसल्टेंट्स में अभिषेक के माता-पिता अमित और लता बनर्जी निदेशक हैं।लीप्स एंड बाउंड्स मैनेजमेंट सर्विसेज एलएलपी, जो एक पार्टनरशिप फर्म है, इसमें अमित और लता बनर्जी नामित भागीदार हैं। इन तीनों संस्थाओं का एक ही पंजीकृत पता पी-733, ब्लाक-पी, न्यू अलीपुर कोलकाता, पश्चिम बंगाल-700053 है।

ईडी सूत्रों ने कहा कि घोटाले के प्रमुख कोयला सरगना अनूप माजी उर्फ लाला के स्वामित्व वाली एक रियल एस्टेट कंपनी से लीप्स एंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड के खाते में 4.37 करोड़ रुपये की बड़ी राशि ट्रांसफर की गई थी। जांच एजेंसी के अधिकारी इन तीनों कंपनियों के खातों की जांच कर रहे हैं ताकि इसी तरह के फर्जी लेनदेन या फंड ट्रांसफर का पता लगाया जा सके।

कारपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत रजिस्ट्रार आफ कंपनीज (आरओसी) के रिकार्ड के अनुसार 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले अभिषेक खुद लीप्स एंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों में से एक थे लेकिन 2014 में डायमंड हार्बर लोकसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल करने से पहले उन्होंने कंपनी से इस्तीफा दे दिया था। अमित बनर्जी दो जनवरी, 2014 को कंपनी में बोर्ड सदस्य के रूप में शामिल हुए थे जबकि लता बनर्जी 19 अप्रैल, 2012 को स्थापना के बाद से फर्म से जुड़ी हुई थीं।

ईडी सूत्रों ने कहा कि अभिषेक से गत शुक्रवार को साढ़े छह घंटे की लंबी पूछताछ के दौरान ईडी ने उनसे उन कंपनियों के साथ उनके जुड़ाव के बारे में पूछताछ की, जिनका वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।

पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती अनियमितता घोटाले और मवेशी तस्करी घोटाले में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जांच के दौरान कई मुखौटा कंपनियों के नाम सामने आए हैं। अब कोयला तस्करी की जांच में भी मुखौटा कंपनी का एंगल सामने आया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.