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West Bengal: बाडीगार्ड शुभब्रत चक्रवर्ती की मौत के मामले में सीआइडी ने सुवेंदु अधिकारी को किया तलब

West Bengal सुवेंदु का आरोप है कि जो केस बंद हो चुका था उसे फिर से खोला गया और जांच की जा रही है। यह सिर्फ सियासी प्रतिशोध के तहत हो रहे है। क्योंकि हमने ममता बनर्जी को नंदीग्राम में पराजित कर दिया। इसी के बाद यह मुकदमा किया गया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 05 Sep 2021 04:42 PM (IST)Updated: Sun, 05 Sep 2021 04:42 PM (IST)
West Bengal: बाडीगार्ड शुभब्रत चक्रवर्ती की मौत के मामले में सीआइडी ने सुवेंदु अधिकारी को किया तलब
भाजपा के नंदीग्राम से विधायक व नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी। फाइल फोटो

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। भाजपा के नंदीग्राम से विधायक व नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी को बाडीगार्ड शुभब्रत चक्रवर्ती की मौत मामले में सीआइडी ने सोमवार को तलब किया है। साथ ही, उनके गाड़ी चालक शंभू माइति और उनके एक करीबी संजीव शुक्ला को सात सितंबर को हाजिर होने का नोटिस जारी किया है। सुवेंदु अधिकारी को सोमवार सुबह 11 बजे भवानी भवन स्थित सीआइडी मुख्यालय में हाजिर होने को कहा है। करीब तीन वर्ष पहले शुभब्रत चक्रवर्ती की मौत हो गई थी। शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने आत्महत्या बताते हुए मामला बंद कर दिया था। परंतु, अचानक विधानसभा चुनाव के बाद शुभब्रत की पत्नी ने थाने में हत्या होने की आशंका जताते हुए मामले की फिर से जांच करने की मांग शुरू कर दी। इसके बाद जुलाई में यह केस सीआइडी को सौंप दिया गया। उसने 2018 में पूर्व मेदिनीपुर जिले के कांथी स्थित पुलिस बैरक में कथित तौर पर खुद को गोली मार ली थी।

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सुवेंदु का आरोप है कि जो केस बंद हो चुका था, उसे फिर से खोला गया और जांच की जा रही है। यह सिर्फ सियासी प्रतिशोध के तहत हो रहे है। क्योंकि, हमने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नंदीग्राम में पराजित कर दिया। इसी के बाद यह मुकदमा किया गया है। इस मामले में सुवेंदु अधिकारी पर आरोप है कि उन्होंने अपने सुरक्षा गार्ड को आत्महत्या के लिए उकसाया था। शुभब्रत चक्रवर्ती उस समय राज्य के परिवहन मंत्री सुवेंदु अधिकारी सुरक्षा टीम का हिस्सा थे। मामले की जांच के तहत इस साल जुलाई में चार सदस्यीय सीआइडी टीम ने पूर्व मेदिनीपुर में सुवेंधु अधिकारी के आवास भी गई थी। कहा जा रहा है कि कोयला, नारद स्टिंग, सारधा चिटफंड घोटाले में सीबीआइ, ईडी तृणमूल नेताओं व मंत्रियों के खिलाफ जांच कर रही है। वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी व उनकी पत्नी रुजिरा के खिलाफ भी जांच कर रही है। ऐसे में भला बंगाल सरकार भाजपा नेताओं को क्यों बख्शे।


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