सीआइडी ने मांगी मृत जानवरों व मुर्गियों के सड़े मांस की बिक्री के मामलों की जांच रिपोर्ट
महानगर समेत राज्य के अन्य हिस्सों में भगाड़ पर मरे पड़े जानवरों के मांस को विभिन्न रेस्तरां में सप्लाई करने के मामलों की जांच का जिम्मा आखिरकार सीआइडी ने संभाल लिया है।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। महानगर समेत राज्य के अन्य हिस्सों में भगाड़ पर मरे पड़े जानवरों के मांस को विभिन्न रेस्तरां में सप्लाई करने के मामलों की जांच का जिम्मा आखिरकार सीआइडी ने संभाल लिया है। इसकी पुष्टि सीआइडी के डीआइजी निशांत परवेज ने की है।
उन्होंने बताया है कि भगाड़ से मृत जानवरों के मांस की आपूर्ति समेत मरी मुर्गियों के मांस बेचने आदि मामलों की जांच अब सीआइडी करेगी। आधिकारिक अनुमति मिलने के बाद जिलों के पुलिस अधिकारियों से मामले में अब-तक हुई जांच की रिपोर्ट ली गई है।
विशेषकर दक्षिण 24 परगना जिला पुलिस अधीक्षक से बजबज के भगाड़ से जानवरों का मांस सप्लाई की रिपोर्ट सबसे पहले मांगी गई है। यहीं से इस मामले का खुलासा हुआ था। इसके साथ ही अब तक मामले में गिरफ्तार किए गए 12 लोगों से भी सीआइडी की टीम पूछताछ करेगी।
क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि बजबज के भगाड़ पर फेंके जाने वाले मृत जानवरों को उठाकर उनके मांस को कोलकाता व सीमावर्ती जिलों के छोटे-बड़े रेस्तरां में सप्लाई करने वाले दो लोगों को स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया था। इनमें से एक बजबज नगरपालिका के कूड़ा निष्पादन विभाग का कर्मी था। यहां जानवरों के फेके जाने की सूचना वह दो अन्य लोगों को देता था जो एक टैक्सी में जानवरों को ले जाते थे। लोगों ने टैक्सी ड्राइवर को भी पकड़कर पुलिस के हवाले किया था।
इसके बाद कोलकाता समेत अन्य जिलों में भी इसी तरह के कई मामले सामने आए हैं जिसमें मरे पड़े जानवरों के सड़े-गले मांस को केमिकल के जरिए संरक्षित कर ताजा मांस के साथ मिलाकर विभिन्न रेस्तरां में सप्लाई करने की पुष्टि हुई है। इसके अलावा मरी हुई मुर्गियों का मांस भी बेचने का मामला सामने आया है। इससे राज्यभर में नानवेज खाने की बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की गई है। मंगलवार को ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर मामले में निगरानी के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है।