Move to Jagran APP

चित्र बना मुख्यमंत्री ने किया सीएए-एनआरसी व एनपीआर का विरोध

- केंद्र की मोदी सरकार पर लगाया जाति-धर्म की सियासत करने का आरोप - कहा रंगों के जरिए भारत क

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 09:46 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 09:46 AM (IST)
चित्र बना मुख्यमंत्री ने किया सीएए-एनआरसी व एनपीआर का विरोध
चित्र बना मुख्यमंत्री ने किया सीएए-एनआरसी व एनपीआर का विरोध

- केंद्र की मोदी सरकार पर लगाया जाति-धर्म की सियासत करने का आरोप

loksabha election banner

- कहा, रंगों के जरिए भारत की एकता में निहित विविध रंगों को दर्शाया

- सीएए-एनआरसी व एनपीआर के विरोध में बनी पेंटिंगों को दिल्ली, मुंबई भेजने की योजना जागरण संवाददाता, कोलकाता : महानगर के मेयो रोड स्थित गांधी प्रतिमा के समीप नागरिकता संशोधन कानून व राष्ट्रीय नागरिक पंजी के विरोध को चित्रकारों द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में शामिल हुई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चित्र बना इस कानून का विरोध किया। इस दौरान मुख्यमंत्री के करीबी व मशहूर चित्रकार शुभ प्रसन्ना समेत कुल 45 अन्य चित्रकारों ने एक साथ चित्र बना नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय नागरिक पंजी और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर का विरोध किया। मौके पर मीडिया कर्मियों से मुखातिब हुई मुख्यमंत्री ने कहा कि बोल कर विरोध करने से ज्यादा बेहतर है कि हम खामोश व शांतिपूर्ण तरीके से केंद्र की अनैतिक नीतियों का विरोध करें। उन्होंने कहा कि हमने रंगों के माध्यम से नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी का विरोध किया है। साथ ही रंगों के माध्यम से हमने भारत के विभिन्न रंगों को पेश करने के साथ ही यहां की सभ्यता व संस्कृति को दर्शाने की कोशिश की है, जिसे केंद्र की मोदी सरकार जाति-धर्म के आधार पर ध्वस्त करना चाहती है। उन्होंने कहा कि तोड़ना बहुत आसान है, लेकिन जोड़ना मुश्किल है और हम किसी भी कीमत पर भाजपा को इस देश को जाति-धर्म के नाम पर तोड़ने नहीं देंगे। ममता ने कहा कि हम भेदभाव की सियासत में विश्वास नहीं करते हैं, क्योंकि हम सर्वधर्म समन्वय को जीवन का आदर्श मानते हैं। स्वामी विवेकानंद से लेकर कवि गुरु रवींद्रनाथ टैगोर तक सर्वधर्म समन्वय पर अपनी बातें रख चुके हैं। भारत इसलिए अन्य देशों से अलग है, क्योंकि यहां सभी धर्म के लोग एक साथ सभी उत्सवों को मनाते हैं। उन्होंने कहा कि सीएए-एनआरसी और एनपीआर यहां की सभ्यता व संस्कृति के लिए लज्जा है। खैर, हर जगह लोग इसके विरोध को सड़क पर उतर रहे हैं और हमारा विरोध तब तक जारी रहेगा, जब तक की केंद्र की मोदी सरकार इसे वापस नहीं ले लेती। आयोजन कमेटी के एक सदस्य ने बताया कि यहां बनी पेंटिंगों को राज्य भर में भेजने के साथ ही आगे इन्हें दिल्ली व मुंबई भेजने की योजना है, ताकि लोग केंद्र की अनैतिक नीतियों के खिलाफ एकजुट हो।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.