सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी, कोलकाता में यूपी के पांच लोग गिरफ्तार
गिरफ्तार पांचों आरोपित गाजीपुर के हैं रहने वाले सेना की वर्दी फर्जी आइकार्ड व नियुक्ति पत्र बरामद। खुद को भारतीय सेना के उच्च अधिकारियों के रूप में परिचय देते थे। पैसे मिलने पर वे गायब हो जाते थे और संपर्क नंबर भी बंद जाता था।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : सेना की वर्दी पहनकर रक्षा सेवाओं में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह का कोलकाता पुलिस ने मंगलवार को भंडाफोड़ किया है। साथ ही इस गिरोह से जुड़े उत्तर प्रदेश के रहने वाले पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। कोलकाता पुलिस के खुफिया विभाग द्वारा गिरफ्तार आरोपितों की पहचान यूपी के गाजीपुर निवासी शिवम पांडे, रोहित कुमार गुप्ता, जितेंद्र कुमार, अविषेक कुमार गौतम और उमा कांति यादव के रूप में हुई है।
खुद को भारतीय सेना के उच्च अधिकारियों के रूप में परिचय देते थे
पुलिस को पता चला है कि ये लोग देश के विभिन्न शहरों में जाते थे और खुद को भारतीय सेना के उच्च अधिकारियों के रूप में परिचय देते थे। इसके बाद रक्षा सेवाओं में नौकरी का वादा कर लोगों से लाखों रुपये लेने के बाद फरार हो जाते थे। इन लोगों का फिलहाल नवीनतम गंतव्य कोलकाता था।
पैसे मिलने पर वे गायब हो जाते थे और संपर्क नंबर भी बंद जाता था
पुलिस ने कहा कि ये सब इतने शातिर हैं कि किसी को थोड़ा भी संदेह न हो इसके लिए पूरी तैयारी रखते थे। लोगों का विश्वास हासिल करना इन लोगों का सबसे पहला उद्देश्य होता था। यहां तक कि नौकरी चाहने वालों को अपना संपर्क नंबर भी देता था। हालांकि, पैसे मिलने पर वे गायब हो जाते थे और उनके द्वारा दिए गए संपर्क नंबर भी बंद जाता था।
सेना की वर्दी, फर्जी पहचान पत्र, फर्जी आवेदन पत्र और नियुक्ति पत्र बरामद
पुलिस की ओर से बताया गया है कि हाल ही में मध्य कोलकाता के न्यू मार्केट थाने में कुछ शिकायतें मिली थी और जांच खुफिया विभाग को सौंप दी गई। इसके बाद खुफिया विभाग की टीम ने इन पांचों को धर्मतल्ला के न्यूमार्केट स्थित एक लोकप्रिय होटल के सामने से गिरफ्तार कर लिया। उन लोगों के पास से भारतीय सेना की वर्दी, फर्जी पहचान पत्र, फर्जी आवेदन पत्र और नियुक्ति पत्र बरामद हुए हैं।
अब तक कितनों लोगों से कितने रुपये ठगा है इसकी जानकारी जुटाई जा रही
पुलिस का कहना है कि हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे इस तरह के नकली दस्तावेज कैसे तैयार करते थे और संदेह है कि कई अन्य लोग भी इस गिरोह से जुड़े हो सकते हैं। साथ ही अब तक कितनों लोगों से कितने रुपये ठगा है इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।