जल जीवन मिशन को लेकर केंद्रीय टीम का जिलों का दौरा, योजना के क्रियान्वयन से क्षेत्रीय अधिकारियों से संवाद
जलापूर्ति योजना के क्रियान्वयन से जुड़े क्षेत्रीय अधिकारियों एवं ग्राम प्रमुखों और पंचायत सदस्यों के साथ संवाद किया। दरअसल केंद्र ने राज्य में जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन के ढर्रे की आलोचना की थी। योजना का लक्ष्य 2024 तक ग्रामीण परिवारों को नल के माध्यम से जलापूर्ति करना है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : केंद्र की एक टीम ने बंगाल को जल जीवन मिशन (जेजेएम) पर तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए राज्य के जिलों का दौरा किया है। टीम के सदस्यों ने जलापूर्ति योजना के क्रियान्वयन से जुड़े क्षेत्रीय अधिकारियों एवं ग्राम प्रमुखों और पंचायत सदस्यों के साथ संवाद किया। दरअसल केंद्र ने राज्य में जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन के ढर्रे की आलोचना की थी और कहा था कि राज्य का इस संबंध में बहुत खराब प्रदर्शन है। इस योजना का लक्ष्य 2024 तक सभी ग्रामीण परिवारों को नल के माध्यम से जलापूर्ति करना है। बंगाल ने 2023-24 तक राज्य में सभी परिवारों को नल का शत प्रतिशत कनेक्शन देने की योजना बना रखी है।
केंद्रीय टीम का तीन दिवसीय यात्रा का अंतिम दिन
केंद्र की टीम राज्य की तीन दिवसीय यात्रा पर थी तथा आज दौरे का आखिरी दिन था। चार सदस्यीय टीम की इस यात्रा से एक महीने से भी अधिक समय पहले केंद्र ने राज्य में जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन के ढर्रे की आलोचना की थी और कहा था कि राज्य का इस संबंध में बहुत खराब प्रदर्शन है। जलशक्ति मंत्रालय ने कहा था कि टीम का मकसद जल जीवन मिशन के तहत ‘हर घर जल’ के लक्ष्य को साकार करने के लिए तकनीकी सहायता पहुंचाने, विभिन्न मुद्दों एवं चुनौतियों की पहचान करने और अच्छी पद्धतियों का रिकार्ड है। केंद्रीय टीम बुधवार को राज्य के दौरे पर आई थी।
बुनियादी ढांचे के निर्माण पर भी ध्यान दिया जाएगा
2020-21 के दौरान राज्य का आबंटन बढ़कर 1,610.76 करोड़ रूपये कर दिया गया। 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में पाइप जलापूर्ति सुनिश्चित करना हैैै। जल जीवन मिशन की घोषणा अगस्त 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी। इस मिशन का प्रमुख उद्देश्य वर्ष 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में पाइप जलापूर्ति (हर घर जल) सुनिश्चित करना है।जल जीवन मिशन की प्राथमिकता देश भर के सभी भागों में सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना है। इस मिशन के तहत कृषि में पुन: उपयोग के लिये वर्षा जल संचयन, भू-जल पुनर्भरण और घरेलू अपशिष्ट जल के प्रबंधन हेतु स्थानीय बुनियादी ढांचे के निर्माण पर भी ध्यान दिया जाएगा।
संतुलन स्थापित करना सरकार के लिये एक बड़ी चुनौती
उल्लेखनीय है कि जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिये जल शक्ति मंत्रालय को नोडल मंत्रालय के रूप में नियुक्त किया गया है। भारत में विश्व की कुल आबादी का तकरीबन 16 प्रतिशत हिस्सा मौजूद है, जबकि देश में पीने योग्य जल का मात्र चार प्रतिशत हिस्सा ही उपलब्ध है। वहीं लगातार गिरता भू-जल और जल स्रोतों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव जल संरक्षण में कुछ अन्य चुनौतियां हैं, ऐसे में पीने योग्य पानी की मांग और पूर्ति के मध्य संतुलन स्थापित करना सरकार के लिये एक बड़ी चुनौती है।