राज्य सरकार से मांगा 187 करोड़ रुपये का हिसाब
जागरण संवाददाता कोलकाता प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) को लेकर राज्य सरकार के
जागरण संवाददाता, कोलकाता : प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) को लेकर राज्य सरकार के रवैये से आजिज केंद्र सरकार ने उक्त योजना के तहत राज्य को मुहैया कराए गए 187 करोड़ रुपये का हिसाब मांगा है। पिछले कुछ समय से न तो मरीजों के क्लेम की दावेदारी की जा रही है और न ही अब तक आधिकारिक रूप से इन्कार किया गया है। हालांकि बार-बार पत्र लिखने के बाद भी ममता सरकार अपना रुख साफ नहीं कर रही है। वहीं इस साल जनवरी माह में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने योजना से बाहर होने का ऐलान किया था। मरीजों को मिलने वाले ई-कार्ड से लेकर बैनर इत्यादि तक पर पीएम मोदी के फोटो को लेकर उन्होंने आपत्ति जताई थी। जबकि गैर हिंदी भाषी राज्यों में पश्चिम बंगाल ने सबसे पहले इस योजना का करार किया था। राज्य के 1240 अस्पतालों में मरीजों को उपचार भी मिलने लगा था। इधर, 23 मार्च को इस योजना के छह माह पूरे होने जा रहे हैं। ऐसे में योजना के सीइओ डॉ. इंदुभूषण ने बताया कि करार के बाद पश्चिम बंगाल को 187 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया था। उन्होंने कहा कि शुरू में बंगाल बेहतर कार्य कर रहा था, लेकिन फिलहाल वह खुद नहीं जानते कि बंगाल उनके साथ है या नहीं। उन्हें अब तक आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। इस योजना में देश के करीब 55 करोड़ लोगों को पांच लाख रुपये सालाना का स्वास्थ्य बीमा दिया जा रहा है।