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केंद्रीय कोयला एवं खनन सचिव अनिल कुमार जैन ने कहा- कोल इंडिया की विपणन, बिक्री में अगले साल होगा ‘सुधार

कोविड के कारण हुए लॉकडाउन की अवधि में कोयले की कम मांग के बावजूद ऐसा हुआ। कंपनी हालांकि बिजली उत्पादक कंपनियों के पास सितंबर तक 22126 करोड़ रुपये के बकाए से जूझ रही है। खननकंपनी कोल इंडिया लि. अगले साल अपनी विपणन और बिक्री में सुधार करने जा रही है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 10 Dec 2020 09:06 AM (IST)Updated: Thu, 10 Dec 2020 09:06 AM (IST)
केंद्रीय कोयला एवं खनन सचिव अनिल कुमार जैन ने कहा- कोल इंडिया की विपणन, बिक्री में अगले साल होगा ‘सुधार
केंद्रीय कोयला एवं खनन सचिव अनिल कुमार जैन

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। देश की खनन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी कोल इंडिया लि. अगले साल अपनी विपणन और बिक्री में सुधार करने जा रही है। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। केंद्रीय कोयला एवं खनन सचिव अनिल कुमार जैन ने कहा कि अन्य सुधारों के साथ कई तरीके से होने वाली कोयले की नीलामी को बंद किया जाएगा।

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जैन ने बताया, ‘‘मैं यह नहीं कहूंगा कि कोयला सुधार पूरे हो गए हैं। कोयला खनन क्षेत्र में सुधार हो चुके हैं। अब अगला सुधार कोल इंडिया के उत्पादन के विपणन में होगा।’’ बंगाल चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित वर्चुअल खनन सम्मेलन को संबोधित करते हुए जैन ने कहा, ‘‘कोल इंडिया 80 प्रतिशत कोयले का उत्पादन करती है। इसके बावजूद कई प्रकार की नीलामी होती है। हम उसे एक ही ‘दायरे’ में लाएंगे और मूल्य की खोज करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि छोटी मात्रा में नीलामी से कोई उद्देश्य हल नहीं होता। इससे कुछ क्षेत्रों के लिए कच्चे माल के दाम बढ़ जाते हैं।

सरकारी कंपनी कोल इंडिया का लाभ सितंबर तिमाही में 16.2 फीसद घट गया। कंपनी ने इस अवधि में 2,951 करोड़ रुपये का कर पूर्व लाभ अर्जित किया। सितंबर में समाप्त छह महीने की अवधि में कंपनी का कर पूर्व लाभ 38.3 फीसद घटकर 5,029 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 8,152 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी का एकीकृत परिचालन राजस्व सालाना आधार पर 3.78 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 21,153.07 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस अवधि में कुल आय 1 फीसद की मामूली बढ़ोतरी के साथ 22,237 करोड़ रुपये रही।

कंपनी ने कहा कि कोयले का उत्पादन सालाना आधार पर 10.56 फीसद.बढ़कर सितंबर तिमाही में 11.49 करोड़ टन रहा। इस अवधि में कुल उठाव 9.41 फीसद बढ़कर 13.39 करोड़ टन रहा। कोविड के कारण हुए लॉकडाउन की अवधि में कोयले की कम मांग के बावजूद ऐसा हुआ। कंपनी हालांकि बिजली उत्पादक कंपनियों के पास सितंबर तक 22,126 करोड़ रुपये के बकाए से जूझ रही है।

कंपनी ने ईधन आपूर्ति समझौते से 15,269 करोड़ रुपये और ई-नीलामी से 3,213 करोड़ रुपये हासिल किए। प्रति टन कुल कीमत इस अवधि में 1,416 रुपये हासिल हुई। 


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