सारधा मामले के पहले आइओ को सीबीआइ ने किया तलब
सारधा चिटफंड कांड का खुलासा होने के बाद मामले की जांच करने वाले राज्य पुलिस के प्रथम जांच अधिकारी को पूछताछ के लिए सीबीआइ ने तलब किया है।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। सारधा चिटफंड कांड का खुलासा होने के बाद मामले की जांच करने वाले राज्य पुलिस के प्रथम जांच अधिकारी को पूछताछ के लिए सीबीआइ ने तलब किया है। सीजीओ काम्प्लेक्स में शीघ्र पेश होने के लिए उन्हें दूसरी बार नोटिस भेजा गया है।
उधर, सीबीआइ के स्पेशल डायरेक्टर के निर्देश पर अदालत में सारधा कांड की फाइनल चार्जशीट पेश करने की तैयारी शुरू कर दी गई है जिसके लिए पहले आइओ से सारधा के मुखिया के बाबत जानकारी हासिल करना जरूरी है।
बता दें कि गत माह निजाम पैलेस में हुए उच्च स्तरीय बैठक में कोलकाता आए सीबीआइ के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने सारधा चिटफंड की जांच को इसी वर्ष दिसंबर तक निपटाने के निर्देश दिए थे। जांच पूरी कर अदालत में फाइनल चार्जशीट जमा करने के लिए सारधा कांड के जांच अधिकारी तथागत वर्धन तथा एसपी सीबीआइ फनीभूषण कर्णना इस मामले की जांच कर चुके राज्य के पहले जांच अधिकारी एवं कोलकाता पुलिस के खुफिया विभाग के पूर्व अधिकारी देवब्रत बनर्जी के बयान को अहम मान रहे हैं।
सूत्रों की माने तो पूछताछ के लिए देवब्रत को पहले भी दो मर्तबा नोटिस भेजा गया था लेकिन पहली बार तबीयत खराब होने तथा दूसरी बार रिश्तेदार की मौत होने का हवाला देकर पेश नहीं हुए थे। सीबीआइ की ओर से मंगलवार को तीसरी बार देवब्रत बनर्जी को नोटिस भेजकर शीघ्र सीजीओ काम्प्लेक्स में पेश होने के निर्देश दिए गए हैं।
देवब्रत से क्यों पूछताछ करना चाहती है सीबीआइ
सारधा चिटफंड कांड का खुलासा होने के बाद कंपनी के मुखिया सुदीप्त सेन करीब दो सप्ताह तक भूमिगत रहने के बाद अपनी सहायक देवयानी मुखर्जी के अलावा अरविंद सिंह चौहान के साथ कश्मीर के सोनमर्ग में भाग गया था। इसके लिए उन्होंने कोलकाता से कश्मीर के लिए का कार भी बुक कराई थी। उधर, कोलकाता पुलिस की ओर से उनकी गिरफ्तारी के लिए लुक आउट नोटिस भी जारी कर दिया गया था। कश्मीर पुलिस ने फोटो के आधार पर एक होटल से चारांे को गिरफ्तार कर उसकी सूचना कोलकाता पुलिस के दे दी थी।
उस वक्त राज्य सरकार ने सारधा कांड की जांच विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट में खुफिया विभाग के तत्कालीन अधिकारी देवब्रत बनर्जी को सौंपी गई थी। कश्मीर से सुदीप्त सेन और देवयानी समेत तीनों को लाने के लिए देवब्रत कश्मीर गए थे। उन्होंने सुदीप्त और देवयानी की कॉल रिकार्ड को भी खंगाला था। इसके बाद मई 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने सारधा चिटफंड कांड की जांच सीबीआइ को सौंप दी थी। गत चार वर्ष की जांच के दौरान सीबीआइ करीब पांच चार्जशीट भी पेश कर चुकी है।
लेकिन फाइनल चार्जशीट को अदालत में जमा करने से पहले सीबीआइ तत्कालीन जांच अधिकारी देवब्रत से पूछताछ कर और तथ्य जुटाना चाहती है। सीबीआइ जानना चाहती है कि सुदीप्त और देवयानी की गिरफ्तारी के वक्त तत्कालीन आइओ ने उनके पास से क्या-क्या दस्तावेज जब्त किए थे। प्राथमिक पूछताछ में उनसे क्या-क्या तथ्य हाथ लगे थे।
सूत्रों की माने तो 2011 में विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस द्वारा खर्च किए गए रकम के हिसाब को भी खंगाला जा रहा है। चुनाव के दौरान तृणमूल ने प्रचार के लिए हेलीकाप्टर के भाड़े में कई करोड़ रुपये खर्च किए थे। उक्त रकम कहां से मिली थी सीबीआइ ने इसकी भी जांच शुरू कर दी है।