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राजीव कुमार और कुणाल घोष से सात घंटे पूछताछ

-सीबीआइ ने रिकार्ड किए दोनों के बयान, सीपी राजीव कुमार से नहीं मिले कई प्रश्नों के उत्तर

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 09:27 PM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 09:27 PM (IST)
राजीव कुमार और कुणाल घोष से सात घंटे पूछताछ
राजीव कुमार और कुणाल घोष से सात घंटे पूछताछ

-सीबीआइ ने रिकार्ड किए दोनों के बयान, सीपी राजीव कुमार से नहीं मिले कई प्रश्नों के उत्तर

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-मंगलवार को फिर पूछताछ के लिए बुलाए गए राजीव, कुणाल से पूरी हुई पूछताछ जेएनएन, कोलकाता : शिलांग के सीबीआइ कार्यालय में सोमवार को भी कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से 7 घंटे मैराथन पूछताछ की गई। इस दौरान तृणमूल के पूर्व राज्यसभा सांसद कुणाल घोष को भी सामने बैठाया गया। सीपी से करीब 280 प्रश्नों के उत्तर मांगे गए। लेकिन कई सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिलने से मंगलवार को फिर सीपी को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। जबकि कुणाल से पूछताछ पूरी हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार गत शनिवार को सीपी से अकेले ही पूछताछ के बाद रविवार और सोमवार को सीपी राजीव कुमार और पूर्व सांसद कुणाल घोष को आमने सामने बैठाकर मैराथन पूछताछ की गई। सोमवार पूर्वाह्न 11 बजे शिलांग के ऑकलैंड रोड स्थित सीबीआइ कार्यालय में पहुंचे सीपी राजीव को एक बार फिर कुणाल के सामने बैठाया गया। इसके बाद सीबीआइ द्वारा सारधा से जुड़े करीब 280 सवालों में से पूछताछ शुरू की गई। इसके बाद सीपी के जवाब को कुणाल द्वारा पत्र में लगाए गए आरोपों से मिलाया गया। इस बीच टी ब्रेक और लंच ब्रेक का दौर भी चला। इसके बाद फिर दोनों को एक साथ बैठाकर सवाल-जवाब शुरू किए गए। सूत्रों के अनुसार सीबीआइ ने पहले सीपी राजीव कुमार से पूछा कि आप कुणाल को पहचानते हैं? उन्होंने कहा हां, वह तृणमूल के पूर्व सांसद हैं। इसके बाद कुणाल से भी यही सवाल दोहराया गया। उन्होंने जवाब दिया कि हां, राजीव कोलकाता पुलिस आयुक्त हैं। एक सवाल के जवाब में कुणाल ने कहा कि राजीव का नार्कोटेस्ट कराया जाए। इस पर राजीव का जवाब था कि मैं क्या अपराधी हूं। इसके अलावा कई और सवाल भी पूछे गए। इस दौरान दोनों के बयान को रिकार्ड भी किया गया। शाम पांच बजे के बाद कुणाल से पूछताछ समाप्त हो गई। लेकिन राजीव शाम सात बजे बाद ही सीबीआइ कार्यालय से बाहर निकले। सूत्रों के अनुसार सीपी से कुछ सवालों के जवाब अभी भी नहीं मिले हैं जिस वजह से सीपी को मंगलवार को फिर बुलाया गया है। सीबीआइ सूत्रों के अनुसार चिटफंड की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित एसआइटी ने दुर्गापुर में रोजवैली के खिलाफ दायर मुकदमे को सीबीआइ के संज्ञान में क्यों नहीं डाला गया था वह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। यही वजह थी कि रविवार शाम रोजवैली मामले में जांच अधिकारी सोजम शेरपा को भी शिलांग बुला लिया गया था। सूत्रों के अनुसार पूछताछ के दौरान सीपी ने सीबीआइ अफसरों को याद दिलाया कि मंगलवार से शुरू होने वाली माध्यमिक परीक्षा में एक सीपी का कोलकाता में रहना कितना जरूरी है। हालांकि सीबीआइ ने सीपी की बात को तवज्जो नहीं दी। बता दें कि सीपी पर सारधा चिटफंड से जुड़े सुबूतों को नष्ट करने का आरोप है। बता दें कि गत तीन दिनों में राजीव कुमार से करीब 25 घंटे पूछताछ हो चुकी है। सूत्रों की माने तो पूर्व सांसद कुणाल से पूछताछ पूरी हो गई है अब उनकी आवश्यकता नहीं पड़ेगी। शाम को कोलकाता रवाना होने से पहले कुणाल घोष मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने सीबीआइ जांच को लेकर किसी प्रकार की टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। इतना कहा कि वह शुरू से जांच में सहयोग करते आ रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि इतने दिनों बाद सीपी राजीव कुमार को सीबीआइ का सामना करना पड़ा रहा है, जो मेरी नैतिक जीत है। कहा कि सीपी राजीव कुमार से काफी पहले ही पूछताछ होनी चाहिए थी। उन्होंने सियासी दलों से सीबीआइ जांच को लेकर राजनीति नहीं करने की भी अपील की। उधर, सूत्रों की माने तो कोलकाता में साल्टलेक स्थित सीजीओ काम्प्लेक्स में शाम चार बजे सीबीआइ अफसरों की बैठक हुई। निर्देश दिए गए हैं कि 4-5 अधिकारी तैयार रहें उन्हें किसी भी वक्त शिलांग आना पड़ सकता है।


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