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    West Bengal: फर्जी पासपोर्ट गिरोह मामले में CBI का दावा- आरोपियों ने जाली पहचान पत्रों का किया इस्तेमाल

    By Jagran NewsEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Mon, 16 Oct 2023 04:33 PM (IST)

    सीबीआइ ने शनिवार को बंगाल और सिक्किम में 50 स्थानों पर छापेमारी कर दोनों राज्यों में पासपोर्ट विभाग के अधिकारियों और बिचौलियों से जुड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया। केंद्रीय एजेंसी ने मामले में गंगटोक में पासपोर्ट लघु सेवा केंद्र (पीएलएसके) के एक अधिकारी सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया। सीबीआइ ने अपनी प्राथमिकी में 24 लोगों को नामजद किया है जिनमें पासपोर्ट विभाग के 16 अधिकारी शामिल हैं।

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    सीबीआइ ने पासपोर्ट विभाग के अधिकारियों और बिचौलियों से जुड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया।(फोटो सोर्स: जागरण)

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। फर्जी पासपोर्ट गिरोह संचालित करने वाले अधिकारी और बिचौलिए रिश्वत लेकर जाली दस्तावेजों के आधार पर नेपाली नागरिकों को भारतीय यात्रा दस्तावेज जारी कर रहे थे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

    सीबीआइ ने हाल ही में इस गिरोह का पर्दाफाश किया। सीबीआइ ने शनिवार को बंगाल और सिक्किम में 50 स्थानों पर छापेमारी कर दोनों राज्यों में पासपोर्ट विभाग के अधिकारियों और बिचौलियों से जुड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया। केंद्रीय एजेंसी ने मामले में गंगटोक में पासपोर्ट लघु सेवा केंद्र (पीएलएसके) के एक अधिकारी सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया।

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    सीबीआई ने प्राथमिकी में 24 लोगों को नामजद किया

    सीबीआइ ने अपनी प्राथमिकी में 24 लोगों को नामजद किया है, जिनमें पासपोर्ट विभाग के 16 अधिकारी शामिल हैं। इनमें मुख्य रूप से क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (आरपीओ), कोलकाता के अधिकारी हैं। सीबीआइ की प्राथमिकी के अनुसार, अधिकारियों और एजेंट का गिरोह पुलिस सत्यापन और गैर-मौजूद पते पर डाकिया के माध्यम से पासपोर्ट पहुंचाने की व्यवस्था का भी प्रबंधन कर रहा था।

    सीबीआइ ने बिचौलियों द्वारा प्रदान किए गए जाली दस्तावेजों के आधार पर कोलकाता आरपीओ और गंगटोक पीएलएसके के अधिकारियों द्वारा 60 से अधिक ऐसे पासपोर्ट आवेदनों की मंजूरी के लिए अवैध भुगतान का पता लगाया है।

    एजेंट ने नेपाली नागरिकों की ओर से पासपोर्ट के लिए आवेदन किया

    प्राथमिकी के अनुसार गिरोह की कार्यप्रणाली से पता चला कि दार्जिलिंग स्थित दो एजेंट सचिन राय और बरुण सिंह राठौड़ ने जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और शैक्षणिक प्रमाण पत्र जैसे भारतीय पहचान दस्तावेजों का इस्तेमाल करके नेपाली नागरिकों की ओर से पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था।

    प्राथमिकी के अनुसार दो अन्य व्यक्तियों उदय शंकर रॉय और सुब्रत साहा की मदद से इसे तैयार किया गया। ये आवेदन दार्जिलिंग और पीएलएसके गंगटोक के पोस्ट आफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र में जमा किए गए थे।

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