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मवेशी तस्करी कांड: सीबीआइ के हाथ लगे कई महत्वपूर्ण तथ्य, 2015 से 2017 के दौरान हुए 12 पुलिस अधीक्षकों के तबादले

केंद्रीय जांच एजेंसी को पता चला है कि 2015 से 2017 के दौरान बीरभूम जिले में पुलिस अधीक्षकों को बार-बार बदला गया। सीबीआइ को यह भी मालूम हुआ है कि उसी दौरान मवेशियों की सबसे ज्यादा तस्करी भी हुई थी। बीरभूम जिला मवेशी तस्करी का प्रमुख मार्ग हुआ करता था।

By Priti JhaEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 09:56 AM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 09:56 AM (IST)
मवेशी तस्करी कांड: सीबीआइ के हाथ लगे कई महत्वपूर्ण तथ्य, 2015 से 2017 के दौरान हुए 12 पुलिस अधीक्षकों के तबादले
मवेशी तस्करी कांड: सीबीआइ के हाथ लगे कई महत्वपूर्ण तथ्य, 2015 से 2017 के दौरान12 पुलिस अधीक्षकों के तबादले

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। मवेशी तस्करी कांड की जांच कर रही सीबीआइ के हाथ कई महत्वपूर्ण तथ्य लगे हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी को पता चला है कि 2015 से 2017 के दौरान बीरभूम जिले में पुलिस अधीक्षकों को बार-बार बदला गया। सीबीआइ को यह भी मालूम हुआ है कि उसी दौरान मवेशियों की सबसे ज्यादा तस्करी भी हुई थी। बीरभूम जिला मवेशी तस्करी का प्रमुख मार्ग हुआ करता था।

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सीबीआइ ने अपनी तफ्तीश में पाया कि उन दो वर्षों के दौरान 12 जिला पुलिस अधीक्षकों का तबादला हुआ। गौर करने वाली बात यह है कि मामले में गिरफ्तार किए गए सतीश कुमार उसी समय बीएसएफ की 36वीं बटालियन के कमांडेंट थे। सीबीआइ अब यह पता करने की कोशिश कर रही है कि इन सारे पहलुओं का एक-दूसरे से कोई संबंध है या नहीं।

इंडियन पुलिस सर्विस एसोसिएशन के सदस्यों के मुताबिक आमतौर पर एक आइपीएस अधिकारी की जिले में न्यूनतम दो वर्ष के लिए नियुक्ति की जाती है। विशेष मामलों में ही तबादला अवधि को कम किया जाता है। कई बार चुनाव आयोग की तरफ से लोकसभा अथवा विधानसभा चुनाव से पहले नौकरशाहों व पुलिस अधिकारियों के तबादले का निर्देश दिया जाता है लेकिन दो साल के अंदर जिले में 12 पुलिस अधीक्षकों का तबादला सीबीआइ के मन में संदेह पैदा कर रहा है। 2016 में बंगाल में विधानसभा चुनाव हुए थे। उस वक्त चुनाव आयोग ने कुछ तबादले किए थे लेकिन इसकी दर उतनी तेज नहीं थी। 

मवेशी, कोयला तस्करी और एसएससी भर्ती घोटाले में जांच होगी तेज

बंगाल में मवेशी व कोयला तस्करी और स्कूल सेवा आयोग(एसएससी) भर्ती घोटाले की जांच ईडी और तेज करेगी। इसके लिए ईडी के अधिकारियों की 10 टीमें बनाई जा रही हैं। इस टीम में दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों को शामिल किया जा सकता है। ईडी अधिकारियों ने राज्य में जिन मामलों की जांच चल रही है उसे लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें विशेष टीम बनाने का फैसला किया गया है।

एसएससी भर्ती घोटाले

बता दें कि ईडी ने एसएससी भर्ती घोटाले मामले में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी व उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया है। ईडी रिमांड खत्म होने के बाद कोर्ट ने पार्थ और अर्पिता मुखर्जी को जेल भेज दिया है। ईडी के अधिकारियों ने मंगलवार को अलीपुर महिला जेल में अर्पिता मुखर्जी से पूछताछ की थी। इसके बाद बुधवार को ईडी ने प्रेसिडेंसी जेल पहुंचे और वहां पार्थ चटर्जी से पूछताछ की है।

मवेशी और कोयला तस्करी में ईडी की जांच तेज

दूसरी ओर, मवेशी तस्करी और कोयला तस्करी मामले की भी ईडी ने जांच तेज कर दी है। सीबीआइ ने मवेशी तस्करी कांड में तृणमूल के बाहुबली नेता अनुब्रत मंडल को गिरफ्तार किया है। वहीं ईडी ने कोयला तस्करी कांड में आठ आइपीएस अधिकारियों को दिल्ली तलब किया है। उनसे दिल्ली में पूछताछ करेगी। खबर है कि सीबीआइ की पूछताछ के बाद ईडी भी अनुब्रत मंडल को हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकती है।


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