Kolkata Durga Puja 2020: दबाव के आगे झुके चिकित्सक, कलकत्ता मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में नहीं होगी दुर्गापूजा
पूजा के आयोजन को लेकर शुरू से ही चल रहा था विवाद अस्पताल परिसर में कोरोना फैलने की जताई जा रही थी आशंका। कलकत्ता मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टर व चिकित्साकर्मी कोरोना के मरीजों के इलाज के कारण कई महीनों से अपने घर नहीं जा सके हैं।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कलकत्ता मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में दुर्गापूजा नहीं होगी। दबाव के आगे झुकते हुए दुर्गापूजा के आयोजन से जुड़े अस्पताल के चिकित्सकों ने यह निर्णय लिया है। गौरतलब है कि अस्पताल परिसर में दुर्गापूजा की काफी तैयारियां हो चुकी थीं।
अस्पताल के ब्वायज हॉस्टल के पास पूजा पंडाल का निर्माण कार्य काफी हद तक हो चुका था। दुर्गा प्रतिमा के लिए आर्डर भी दिया जा चुका था। इस बीच लगातार यह सवाल भी उठ रहा था कि अस्पताल में ड्यूटी करते हुए चिकित्सक किस तरह से दुर्गा पूजा का आयोजन कर पाएंगे?
अस्पताल प्रबंधन से जुड़े कुछ लोगों ने आपत्ति जताते हुए यह भी आशंका जताई थी कि अस्पताल परिसर में दुर्गापूजा का आयोजन होने से यहां कोरोना का संक्रमण फैलने की आशंका कई गुना बढ़ जाएगी। पूजा के दिनों में अस्पताल आने वाले मरीजों व उनके परिजनों को भी काफी परेशानी होगी। अस्पताल प्रबंधन ने शुरू में इसकी अनुमति भी नहीं दी थी। बाद में अस्पताल के ब्वायज हॉस्टल परिसर में पूजा के आयोजन की अनुमति दे दी गई थी।
अस्पताल के अधीक्षक इंद्रजीत विश्वास का हालांकि कहना है कि अस्पताल परिसर में पूजा हो ही नहीं रही थी। कुछ जूनियर डॉक्टर अस्पताल के बाहर पूजा करने जा रहे थे। चूंकि अस्पताल परिसर में पूजा नहीं हो रही थी इसलिए इसकी अनुमति देने अथवा पूजा बंद करा देने का सवाल ही नहीं उठता।
गौरतलब है कि कलकत्ता मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टर व चिकित्साकर्मी कोरोना के मरीजों के इलाज के कारण कई महीनों से अपने घर नहीं जा सके हैं। दुर्गापूजा में भी उन्हें छुट्टी नहीं मिलेगी क्योंकि पूजा के दिनों में अस्पताल के सभी विभाग पूरी तरह से खुले रहेंगे। दुर्गापूजा के उत्सवी माहौल का वे भी आनंद ले सके और ड्यूटी के बीच खुद को मानसिक तौर पर हल्का महसूस कर सके, इसीलिए अस्पताल परिसर में पूजा के आयोजन की योजना बनाई गई थी।
अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना के कारण वे पिछले सात महीने से सातों दिन लगातार ड्यूटी कर रहे हैं। पूजा के समय भी उन्हें कोरोना के मरीजों के इलाज में जुटे रहना होगा क्योंकि इसमें किसी भी तरह की ढिलाई नहीं की जा सकती। इतने लंबे समय से लगातार ड्यूटी करने के कारण वे मानसिक तौर पर क्लांत हो गए हैं। अस्पताल परिसर में दुर्गापूजा का आयोजन होने से वे खुद को पूजा के माहौल से जोड़ पाते।