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बंगाल में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते दुर्गा पूजा पंडालों में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर कलकत्ता हाईकोर्ट की रोक

पाबंदी-कोरोना महामारी के मद्देनजर कलकत्ता हाईकोर्ट का बड़ा फैसला। सभी बड़े पंडालों को 10 मीटर तथा छोटे पंडालों को 5 मीटर की दूरी पर लगाने होंगे बैरिकेड। कोर्ट ने कहा-इतनी पुलिस नहीं कि पंडालों में दर्शनार्थियों को नियंत्रित कर सके।

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 09:08 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 09:08 PM (IST)
बंगाल में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते दुर्गा पूजा पंडालों में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर कलकत्ता हाईकोर्ट की रोक
पुलिस बल के जरिए शारीरिक दूरी का पालन कराना बेहद मुश्किल कार्य है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने दुर्गा पूजा पंडालों में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि बंगाल में दुर्गा पूजा पंडाल नो एंट्री जोन घोषित होंगे। यानी पंडाल में दर्शन के लिए आम लोग नहीं जा सकेंगे। पंडालों में सिर्फ आयोजकों की ही एंट्री होगी। दरअसल बिजली विभाग के एक पूर्व कर्मचारी अजय कुमार दे ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि जब कोरोना के संक्रमण के कारण शिक्षण संस्थान बंद हैं तो फिर सरकार ने दुर्गा पूजा की अनुमति क्यों दी है।

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दुर्गा पूजा के दौरान पूजा पंडालों में आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगानी होगी 

इसी याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए न्यायाधीश संजीब बंद्योपाध्याय ने कहा कि दुर्गा पूजा के दौरान कोलकाता में लाखों की संख्या में दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ती है और मौजूदा पुलिस बल के जरिए ऐसी स्थिति में शारीरिक दूरी का पालन कराना बेहद मुश्किल कार्य है। लिहाजा दुर्गा पूजा पंडालों में आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगानी होगी। 

कोर्ट ने कहा, पंडालों से पहले लगाने होंगे बैरिकेड, नो एंट्री के बोर्ड लगाने होंगे

हाईकोर्ट ने कहा कि पंडालों से पहले बैरिकेड लगाने होंगे। इसके अलावा इनमें नो एंट्री के बोर्ड लगाने होंगे। सभी बड़े पंडालों को 10 मीटर की दूरी पर जबकि छोटे पंडालों को पांच मीटर की दूरी पर बैरिकेड लगाने होंगे। पूजा पंडालों में सिर्फ आयोजक ही मौजूद रह सकेंगे। इनमें बड़े पूजा पंडालों में 25 और छोटे में 15 लोगों को जाने की अनुमति होगी। इसके लिए भी सभी के नाम पंडालों के सामने सूची के रूप में चस्पाना होगा और लिखना होगा कि कौन लोग किस समय पंडाल में रहेंगे। 

कोर्ट ने कहा, इतनी पुलिस नहीं कि पंडालों में दर्शनार्थियों को नियंत्रित कर सके 

-हाईकोर्ट ने कहा कि कोलकाता में इतनी पुलिस नहीं है कि 3000 पंडालों में दर्शनार्थियों को नियंत्रित कर सके। जिलों में स्थिति और भी खराब है। हाईकोर्ट ने राज्य के पुलिस महानिदेशक व कोलकाता पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया है कि पूजा पंडालों में अदालत के आदेश पर कितना अमल हुआ इसकी जानकारी हलफनामा के रूप में पांच नवंबर को सुनवाई के दौरान देनी होगी। 

कोरोना महामारी से बंगाल में हर दिन पचास से अधिक लोगों की जानें जा रही हैं

इधर महानगर के पूजा आयोजकों ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी के मद्देनजर यह फैसला स्वागत योग्य है। बताते चलें कि कोरोना महामारी से बंगाल में हर दिन पचास से अधिक लोगों की जानें जा रही हैं। वहीं संक्रमित होने वालों का आंकड़ा नित नया रिकार्ड बना रहा है। हर दिन संक्रमित होने वालों की संख्या चार हजार के करीब पहुंच चुकी है।


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