Narada Sting Operation Case: नारद स्टिंग मामले में ममता बनर्जी के दो मंत्री सहित चार हेवीवेट नेताओं को मिली अंतरिम जमानत
कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले में किसी भी नेता को साक्षात्कार नहीं देने का निर्देश दिया आरोपित नेताओं को देना होगा दो लाख रुपये का निजी बॉन्ड नारद स्टिंग कांड में सीबीआइ ने बंगाल सरकार के दो वरिष्ठ मंत्रियों एक विधायक और कोलकाता के एक पूर्व मेयर को किया था गिरफ्तार
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस के दो मंत्री, एक विधायक तथा एक पूर्व विधायक को कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सशर्त अंतरिम जमानत देने का निर्देश दिया है। हालांकि इसके साथ ही कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस मामले में किसी भी नेता को मीडिया से रूबरू नहीं देने का निर्देश दिया है। फिलहाल ये नेता हाउस अरेस्ट में हैं। आज कलकत्ता हाईकोर्ट की पांच सदस्यीय वृहत पीठ ने सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया है। लेकिन हाईकोर्ट ने कुछ शर्तें भी रखी हैं। आरोपित नेता जांच में शामिल होंगे। नारद मामले पर लंबित मुकदमे पर कोई प्रेस कांफ्रेंस नहीं करेंगे। अंतरिम जमानत मामले के अंतिम परिणाम के अधीन होगी। इसके अलावा इन नेताओं को दो लाख रुपये के निजी बांड देने का निर्देश दिया है।
बताते चलें कि नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में 17 मई को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने ममता बनर्जी सरकार में मंत्री फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, टीएमसी के विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी को गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने 21 मई को आरोपितों को जेल से हटाकर घरों में ही नजरबंद करने के आदेश दिए थे।
अंतरिम जमानत में कुछ समय के लिए दी जाती है जमानत
-अंतरिम जमानत में कुछ समय के लिए जमानत दी जाती है। यह किसी भी आवेदन की पेंडेंसी के दौरान अदालत की ओर से दी जाती है या यह तब तक दी जाती है जब तक कि नियमित या एंटीऑप्टिटरी जमानत के लिए आपका आवेदन न्यायालय के सामने लंबित नहीं होता है। यह कुछ शर्तों के साथ दी जाती है। इसको बढ़ाया जा सकता है और यदि इसका समय समाप्त हो जाता है और साथ ही अभियुक्त व्यक्ति इसकी पुष्टि या अदालत के सामने इसको को बढ़ाने के लिए या जारी रखने के लिए कोई भी मांग करता है तो इसके के तहत दी गई रिहाई को रद कर दिया जाता है। आरोपित व्यक्ति को हिरासत में ले लिया जाता है और उसके खिलाफ वारंटी जारी कर दिया जाता है।
17 मई को सीबीआई ने किया था गिरफ्तार
नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में 17 मई को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने ममता बनर्जी सरकार में मंत्री फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, टीएमसी के विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी को गिरफ्तार किया गया था। मंगलवार को सीबीआई को कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपनी अपील वापस लेने की अनुमति दे दी थी। इसमें टीएमसी के तीन नेताओं सहित चार नेताओं को मामले में घर में ही नजरबंद रखने की अनुमति दी थी।
21 मई को हाईकोर्ट ने हाउस अरेस्ट का दिया था निर्देश
कोर्ट ने 21 मई को बंगाल के दो मंत्रियों, एक विधायक और कोलकाता के पूर्व महापौर को जेल से हटाकर उनके घरों में ही नजरबंद करने के आदेश दिए थे। हाई कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की पीठ ने 24 मई को मामले में सुनवाई की और मामले में सुनवाई स्थगित करने के सीबीआइ के आग्रह को से मानने इनकार कर दिया था।