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West Bengal: कलकत्ता हाई कोर्ट ने मेट्रो रेलवे सुरंग के निर्माण शुरू करने को दी अनुमति

Calcutta High Court. इस परियोजना का काम उस वक्त रोक दिया गया था जब सुरंग की खुदाई कर रही मशीन बहूबाजार इलाके में एक दीवार से टकरा गई थी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Tue, 11 Feb 2020 05:00 PM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 05:00 PM (IST)
West Bengal: कलकत्ता हाई कोर्ट ने मेट्रो रेलवे सुरंग के निर्माण शुरू करने को दी अनुमति
West Bengal: कलकत्ता हाई कोर्ट ने मेट्रो रेलवे सुरंग के निर्माण शुरू करने को दी अनुमति

कोलकाता, जागरण संवाददाता। Calcutta High Court. कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंगलवार को महानगर में ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के लिए बहूबाजार में सुरंग खोदने का काम फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी। पिछले साल अगस्त में बहूबाजार इलाके में मेट्रो सुरंग की खुदाई के दौरान एक बफर (जलभर) फटने से भारी नुकसान हुआ था। पानी का रिसाव व जमीन धंस जाने के कारण घनी बस्ती वाले इस इलाके के दर्जनों मकानों क्षतिग्रस्त हो गई थी और सैकड़ों लोग बेघर हो गए थे। जिसके बाद हाई कोर्ट ने मेट्रो सुरंग के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी। वहीं, आइआइटी मद्रास की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए आखिरकार हाई कोर्ट ने कोलकाता मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (केएमआरसी) को संस्थान के साथ विचार-विमर्श कर बहूबाजार इलाके में एस्प्लानेड और सियालदह स्टेशनों के बीच सुरंग की खुदाई का कार्य फिर से शुरू करने का निर्देश दिया।

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इससे पहले हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन और न्यायाधीश अरिजीत बनर्जी की पीठ ने सितंबर के पहले हफ्ते में सुरंग के काम पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। तीन माह बाद केएमआरसी ने विशेषज्ञों की अपनी समिति द्वारा तैयार रिपोर्ट के मद्देनजर अदालत का रुख किया और मेट्रो का काम फिर से शुरू करने की अनुमति मांगी। उधर, एक एनजीओ ने विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से करवाने का अनुरोध किया था, जिसके बाद केएमआरसी ने अपने परिणामों की समीक्षा के लिए आइआइटी मद्रास से अनुरोध किया।

आइआइटी के विशेषज्ञों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सुरंग का काम फिर से शुरू किया जा सकता है। इसके बाद हाई कोर्ट ने केएमआरसी को काम फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी। पिछले साल इस परियोजना का काम उस वक्त रोक दिया गया था, जब सुरंग की खुदाई कर रही मशीन 31 अगस्त को बहूबाजार इलाके में एक दीवार से टकरा गई थी जिससे बड़े पैमाने पर जमीन धंस गई। इसके कारण इलाके के दर्जनों इमारतों में दरारें आ गई और सैकड़ों लोग बेघर हो गए। इसके बाद लोगों को खाली कराकर इन क्षतिग्रस्त मकानों से करीब 323 लोगों को मेट्रो रेलवे की ओर से होटलों में ठहराया गया था।

बता दें कि कोलकाता मेट्रो का ईस्ट-वेस्ट प्रोजेक्ट करीब 17 किलोमीटर लंबा है जो सॉल्टलेक स्टेडियम से हावड़ा मैदान तक प्रस्तावित है। पहला फेज सॉल्टलेक सेक्टर 5 से सॉल्टलेक स्टेडियम के बीच करीब साढ़े पांच किलोमीटर लंबा है। इसपर काम पूरा हो चुका है और आगामी 13 फरवरी को इसका उद्घाटन होने वाला है। वहीं, दूसरा फेज अंडरग्राउंड मेट्रो का 11 किलोमीटर लंबा है, जो हावड़ा मैदान से सियालदह तक है। 10.9 किलोमीटर लंबी सुरंग में से 9.8 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है। पांच माह तक निर्माण कार्य पर रोक के कारण बाकी बचे सुरंग की खुदाई का काम ठप पड़ा था। करीब 35 वर्ष बाद देश में जहां पहला मेट्रो ट्रेन चली थी, उस शहर में दूसरी मेट्रो परियोजना शुरू होने जा रहा है।

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