Move to Jagran APP

सामूहिक दुष्कर्म मामले में पुलिस की भूमिका से कलकत्‍ता हाई कोर्ट नाराज, सीआइडी जांच का आदेश

पश्चिम मेदिनीपुर में सामूहिक दुष्कर्म मामले में पुलिस की भूमिका से नाराज हाईकोर्ट ने राज्य सीआइडी को घटना की जांच का आदेश दिया है। आरोप है कि सामूहिक दुष्कर्म की घटना में जिले के दो थानों में प्राथमिकी दर्ज कराने की कोशिश की गई लेकिन पुलिस ने नहीं की।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Thu, 08 Sep 2022 05:00 PM (IST)Updated: Thu, 08 Sep 2022 05:00 PM (IST)
सामूहिक दुष्कर्म मामले में पुलिस की भूमिका से कलकत्‍ता हाई कोर्ट नाराज, सीआइडी जांच का आदेश
कलकत्‍ता हाईकोर्ट ने डीजीपी से तलब की रिपोर्ट। सांकेतिक तस्‍वीर।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। पश्चिम मेदिनीपुर के एक सामूहिक दुष्कर्म मामले में पुलिस की भूमिका से नाराज हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य सीआईडी को घटना की जांच का आदेश दिया है।

loksabha election banner

आरोप है कि सामूहिक दुष्कर्म की घटना में जिले के दो थानों में प्राथमिकी दर्ज कराने की कोशिश की गई लेकिन पुलिस ने लिखित शिकायत तक दर्ज नहीं की। इस मामले में हाई कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक मनोज मालवीय से रिपोर्ट तलब की है। इसके अलावा महिला जिस दिन थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने आई थी उस दिन का सीसीटीवी फुटेज कोर्ट ने मांगा था लेकिन गुरुवार को सुनवाई के दौरान जिला पुलिस की ओर से फुटेज जमा नहीं किया गया जिसे लेकर न्यायमूर्ति राज्सेखर मंथा ने काफी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने राज्य सरकार के महाधिवक्ता को फटकार लगाई। इसके बाद उन्होंने घटना की सीआइडी जांच का आदेश दिया।

पता चला है कि जमीन संबंधी एक मामले के निपटान के लिए स्थानीय नेताओं ने महिला और उसके पति को बुलाया था। आरोप है कि जैसे ही दोनों वहां पहुंचे वहां कई लोगों ने मिलकर महिला को दबोच लिया और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। जैसे तैसे वहां से भागकर महिला 11 अगस्त की रात आनंदपुर थाने में गई। उसके साथ उसका पति भी था। फटे हुए कपड़े पहने हुए ही महिला थाना चली गई थी लेकिन आरोप है कि पुलिस ने लिखित शिकायत तक दर्ज नहीं की। यहां तक कि पीड़िता की चिकित्सकीय जांच भी नहीं कराई गई। इसी को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिसकी सुनवाई गुरुवार को न्यायमूर्ति राज्सेखर मंथा की पीठ में हुई। आनंदपुर थाने के प्रभारी और पश्चिम मेदिनीपुर के जिलाधिकारी की भूमिका को लेकर भी न्यायालय ने सवाल खड़े किए है। इसके पहले गत छह सितंबर को मामले की सुनवाई हुई थी। उस दिन न्यायाधीश ने कहा था कि जिस दिन महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने आई थी उस दिन का सीसीटीवी फुटेज जमा कराया जाए लेकिन गुरुवार को सुनवाई के दौरान पुलिस ने कहा कि उस दिन का फुटेज नहीं मिल रहा है। इसे लेकर न्यायमूर्ति मंथा ने तीखी नाराजगी जताई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.