बंगाल में बस मालिकों की ममता सरकार को दो-टूक, किराया न बढ़ाए जाने तक नहीं चलाएंगे बसें
बस मालिक संगठनों ने रविवार को आपस में बैठक करने के बाद स्पष्ट रूप से कह दिया कि किराया न बढ़ाए जाने तक वे बसें नहीं चलाएंगे।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : महानगर की सड़कों पर सोमवार से भी निजी बसें और मिनी बसें नजर नहीं आएंगी। बस मालिक संगठनों ने रविवार को आपस में बैठक करने के बाद स्पष्ट रूप से कह दिया कि किराया न बढ़ाए जाने तक वे बसें नहीं चलाएंगे। ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट के महासचिव तपन कुमार बनर्जी ने कहा-'बसें तेल से चलती हैं, पानी से नहीं। मौजूदा परिस्थिति में किराया बढ़ाए बिना बसें चलाना मुमकिन नहीं है. हम चाहते हैं कि नया किराया तय करने के लिए राज्य सरकार एक नियामक कमेटी गठित करे। वही कमेटी निर्धारित करे कि वर्द्धित किराया क्या होना चाहिए।'
वहीं वेस्ट बंगाल बस एंड मिनी बस ऑनर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव प्रदीप नारायण बोस ने कहा-'बंगाल में 90 फीसद यात्रियों को निजी बसें सेवाएं प्रदान करती हैं इसलिए परिवहन क्षेत्र को विशेष पैकेज दिया जाना चाहिए। लॉकडाउन जिस दिन खत्म हो रहा है, उस दिन से बीमा की समय सीमा छह महीने बढ़ानी होगी। हम अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी को आगामी मंगलवार को ज्ञापन सौपेंगे।'
मिनी बस ऑपरेटर्स कोआर्डिनेशन कमेटी के सचिव राहुल चटर्जी ने कहा- 'राज्य सरकार बगैर नुकसान बसों का परिचालन शुरू करने के लिए किराया बढ़ाने पर विचार करे। बसों का परिचालन 22 मार्च से बंद है। बसों को दोबारा सड़क पर उतारने के लिए बहुत पैसा खर्च करना पड़ेगा। हम सरकार से उस अवधि के लिए रोड टैक्स में छूट देने की मांग करते हैं, जिस अवधि में बसों का परिचालन नहीं हुआ। इसके साथ ही केंद्र सरकार से बीमा की प्रीमियम राशि कम करने के लिए हस्तक्षेप की भी मांग करते हैं।'
चटर्जी ने हालांकि आगे यह भी कहा कि कुछ मार्गों पर प्रायोगिक रूप से बसों का परिचालन शुरू किया जाएगा।
गौरतलब है कि राज्य सरकार की तरफ से पहले एक बस में 20 से अधिक यात्रियों को नहीं चढ़ाने की शर्त दी गई थी और किराया बढ़ाने से भी इन्कार कर दिया गया था।सरकार ने अब बस की पूरी सीटों पर यात्री बिठाने की मंजूरी दे दी है, जिसके बाद निजी बस सेवा के बहाल होने की उम्मीद जगी थी, लेकिन बस मालिक संगठन बिना बढे किराए के सेवा शुरू करने को तैयार नहीं हैं।