प्रवासी राजस्थानियों को लेने कोलकाता आईं बसें, CM ममता की अनुमति न मिलने पर बैरंग लौटीं
राजस्थान सरकार ने प्रवासी राजस्थानी श्रमिकों को लाने के लिए बसें भेजी थी लेकिन ममता सरकार की ओर से इसकी अनुमति नहीं मिलने की वजह से बसें बैरंग लौट गई।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : प्रवासी राजस्थानियों को लेने के लिए कोलकाता आईं बसें बैरंग लौट गई। राजस्थान सरकार ने प्रवासी राजस्थानी श्रमिकों को लाने के लिए बसें भेजी थी लेकिन ममता सरकार की ओर से इसकी अनुमति नहीं मिलने की वजह से बसें बैरंग लौट गई। दरअसल कोविड-19 की रोकथाम के लिए लागू किए गए लॉक डाउन के कारण अकेले कोलकाता शहर में बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानी फंसे हुए हैं। प्रवासी राजस्थानियों ने बताया कि कोलकाता में 1000 से ज्यादा प्रवासी राजस्थानी हैं। राजस्थान जाने के लिए उन्होंने गहलोत सरकार से गुहार लगाई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फैसला किया था कि राजस्थान के कोटा में फंसे छात्र जिस बस से बंगाल जाएंगे उसी बस से प्रवासी राजस्थानी श्रमिकों को कोलकाता से राजस्थान लाया जाएगा।15 रोडवेज की बसों को अनुमति के साथ छात्रों को लेकर कोटा से कोलकाता भेजा गया था। लेकिन अंतिम समय में बंगाल सरकार ने प्रवासी राजस्थानी मजदूरों को राजस्थान भेजने की अनुमति नहीं दी।
हालांकि राज्य प्रशासन सरकार की ओर से अभी तक इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है। राजस्थानी मूल के श्रमिकों का कहना है कि को पहले दो दिन कोलकाता प्रशासन के अधिकारी टालमटोल करते रहे और सोमवार रात प्रवासी राजस्थानियों को भेजने से इनकार कर दिया।
प्रवासी राजस्थानियों ने बताया कि उन्होंने इसे लेकर कोलकाता प्रशासन से गुहार लगाई लेकिन उनकी मांग को अनसुना करते हुए खाली बसों को ही वापस भेज दिया। सूत्रों कहना है कि राज्य सरकार परिवहन खर्च को लेकर भी आनाकानी कर रही थी। प्रवासी राजस्थानियों ने बताया कि यहां उनकी देखभाल भी सही से नहीं हो रही है और न ही सरकार उनकी बात सुन रही है। राजस्थान सरकार को ममता सरकार से बात करनी चाहिए।