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बंगाल में बीएसएफ ने अवैध रूप से सीमा पार करते चार और बांग्लादेशी नागरिकों व एक दलाल को पकड़ा

उत्तर 24 परगना जिले से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा को लांघ कर बांग्लादेश जाने की कर रहे थे कोशिश। बांग्लादेशी नागरिकों ने खुलासा किया कि वे लोग अलग-अलग समय में दलाल की मदद से अवैध रूप से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर रोजगार की तलाश मे भारत आए थे।

By PRITI JHAEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 09:08 AM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 10:28 AM (IST)
बंगाल में बीएसएफ ने अवैध रूप से सीमा पार करते चार और बांग्लादेशी नागरिकों व एक दलाल को पकड़ा
अवैध रूप से सीमा पार करते गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिक।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा को अवैध रूप से पार कर उस पार जाने की कोशिश करते चार और बांग्लादेशी नागरिकों और एक दलाल को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिकों में दो पुरुष व दो महिलाएं हैं।

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दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि 4 जनवरी, सोमवार को उत्तर 24 परगना जिले में बीएसएफ की सीमा चौकी डोबरपारा इलाके से ये सभी लोग दलाल की मदद से अवैध तरीके से अंतरराष्ट्रीय सीमा लांघ कर भारत से बांग्लादेश जाने की कोशिश कर रहे थे, तभी 158वीं बटालियन के सतर्क जवानों ने उन्हें पकड़ लिया।

उन्होंने बताया कि अवैध क्रॉसिंग की खुफिया सूचना पर सीमा चौकी डोबरपारा इलाके में जवान भारत- बांग्लादेश बॉर्डर रोड पर गश्त कर रहे थे। इसी दौरान पेट्रोलिंग पार्टी को कुछ संदिग्ध व्यक्तियों की हरकत दिखाई दी जो कि अंतररराष्ट्रीय सीमा पार कर बांग्लादेश की तरफ जाने की कोशिश कर रहे थे। संदिग्ध गतिविधियां देख कर बीएसएफ जवानों ने उन्हें रुकने की चुनौती दी। इसके बाद इन लोगों ने भागने की कोशिश की, लेकिन पीछा कर के जवानों ने दलाल सहित पांचों लोगों को पकड़ लिया।

जब बीएसएफ ने सभी संदिग्ध व्यक्तियों से उसकी पहचान के बारे में पूछताछ की तो उसमे दो पुरुष तथा दो महिलाओं ने अपनी पहचान बांग्लादेशी नागरिक के रूप मे बताया जबकि एक ने स्वीकार किया कि वह भारतीय नागरिक है और अवैध रूप से लोगों को सीमा पार कराने के लिए दलाल के रूप में काम करता है। पकड़े गए लोगों में एक दंपति है जिनके नाम सैयद दीदार अली (40) व परबीन शेख (35) है।

ये बांग्लादेश के नरेल जिले के रहने वाले हैं। इनके अलावा दो अन्य बांग्लादेशी नागरिकों में सिपोली बिस्वास (60वर्ष, महिला) व बूद्दी बिस्वास (18 वर्ष पुरुष) है। ये दोनों बांग्लादेश के गोपालगंज जिले के निवासी हैं।वहीं, दलाल का नाम गोपाल हलदर (42) है।वह उत्तर 24 परगना के गाईघाटा थाना अंतर्गत बोर्नबेरिया, हलधर पारा गांव का रहने वाला है।

रोजगार की तलाश में अवैध रूप से आए थे भारत, रिश्तेदारों से मिलने के लिए वापस जा रहे थे बांग्लादेश

इधर, आगे की पूछताछ में बांग्लादेशी नागरिकों ने खुलासा किया कि वे लोग अलग-अलग समय में दलाल की मदद से अवैध रूप से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर रोजगार की तलाश मे भारत आए थे। भारत में आने के पश्चात वे सभी कोलकाता तथा अन्य दूसरे शहर मे जाकर मजदूरी का कार्य किए। अब अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए सभी वापस बांग्लादेश जा रहे थे। उन लोगों ने बताया कि सीमा पार कराने के लिए उन्होंने दलाल गोपाल हलदर को प्रति व्यक्ति 7,000 रुपये दिए थे।

सीमा पार कराने के लिए प्रति व्यक्ति 7,000 रुपया लेता था दलाल

वहीं, पूछताछ के दौरान दलाल गोपाल हलदर ने स्वीकार किया कि वह तथा उसके अन्य साथियों तपन विस्वास तथा नवकुमार हलदर के साथ वह लंबे समय से मानव तस्करी की गतिविधियां मे शामिल है। तपन विस्वास अवैध प्रवासी बांग्लादेशी को बस द्वारा बनगांव से बोर्नबेरिया भेजता था तथा वह इनको अपने साथ इच्छामती नदी के रास्ते अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करा कर बांग्लादेश में रफिकुल को सौंप देता था। उधर से भी अपने साथ बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध तरीके से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर भारत मे लाता था। आज सुबह तपन विस्वास ने इन चारों बांग्लादेशी नागरिकों को बांग्लादेश भेजने के लिए बताया था। इनको लेकर अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने के दौरान सुरक्षा बल की पार्टी ने सभी को पकड़ लिया। उसने आगे बताया की वह इस कार्य के लिए प्रति व्यक्ति 7,000 रुपया लेता था। इधर, बीएसएफ ने आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए हिरासत में लिए गए सभी लोगों को गायघाट थाने के हवाले कर दिया है।

बीएसएफ अधिकारी ने जवानों की थपथपाई पीठ

इधर, 158 वाहिनी, सीमा सुरक्षा बल के कार्यवाहक कमांडेंट सुरेंद्र सिंह ने चारों बांग्लादेशी नागरिकों व दलाल की गिरफ्तारी के बाद अपने जवानों की उपलब्धियों पर खुशी व्यक्त की और उनकी पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि यह केवल ड्यूटी पर मौजूद उनके जवानों द्वारा प्रदर्शित सतर्कता के कारण ही संभव हो सका है। 


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